उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश मुद्दे पर एससीबीए और बीसीआई आमने सामने
By भाषा | Published: December 7, 2019 06:08 AM2019-12-07T06:08:57+5:302019-12-07T06:08:57+5:30
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) शुक्रवार को आमने सामने आ गए।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) शुक्रवार को आमने सामने आ गए। एससीबीए ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अरुण मिश्रा से जुड़े मामले को सार्वजनिक मुद्दा बनाने वाले बीसीआई के बयान की निंदा की जिन्होंने गुरुवार को कथित रूप से वरिष्ठ अधिवक्ता को अवमानना की चेतावनी देने पर माफी मांग ली थी।
एससीबीए ने कहा कि इस मुद्दे पर बीसीआई की असंगत विज्ञप्ति अनावश्यक थी और ऐसा बयान जारी करने से बचा जा सकता है। बीसीआई वकीलों की शीर्ष निकाय है और गुरुवार को बयान जारी कर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) और एससीबीए की कार्यसमिति की उस प्रतिक्रिया की निंदा की थी जिसमें न्यायाधीशों से वकीलों से बातचीत के दौरान अधिक संयम बरतने का अनुरोध किया गया था।
बीसीआई ने विज्ञप्ति में कहा था कि मामले को सार्वजनिक करने के बजाय एससीबीए को न्यायाधीश के चेंबर में जाकर अपने रुख से अवगत कराना था। न्यायमूर्ति मिश्रा ने भी गुरुवार को कहा कि वह करबद्ध होकर सौ बार माफी मांगते हैं अगर उनके शब्दों से कोई आहत हुआ है।
उन्होंने यह माफी वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन को भूमि अधिग्रहण के मामले में सुनवाई के दौरान अवमानना की धमकी देने के दो दिन बाद मांगी। हालांकि, एससीबीए ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा की ओर से एससीबीए और उसके सदस्यों के संदर्भ में जारी बायान असत्य और अनुचित है।