नई दिल्ली, 20 अप्रैल: चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर विपक्षी दलों की बैठक में के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका एक एनजीओ ने दाखिल की है। जिसमें कहा गया है कि आर्टिकल 121 के तहत जब तक संसद में किसी जज को हटाने का प्रस्ताव नहीं रखा जाता, तब तक सांसद किसी जज के बारे में इस तरह पब्लिक फोरम में नहीं बोल सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की चर्चा को काफी दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ है, वह काफी परेशान करने वाला है।
याचिका सुनकर जस्टिस ए के सीकरी और अशोक भूषण समेत एक खंडपीठ ने कहा, "हम सभी इसके बारे में परेशान हैं। इसने एजी की सहायता मांगी कि क्या बहस को रोका जा सकता है या नहीं। हालांकि, अदालत ने मीडिया को गड़बड़ाने का आदेश देने से इनकार कर दिया और कहा कि यह सुनवाई के बिना ऐसा नहीं करेगा।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने बैठक बुलाई है। यह बैठक कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के कमरे में ये बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कांग्रेस सहित 14 दलों के शामिल होने की संभावना है। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद के कमरे में यह बैठक होने वाली है। इस बैठक में जज लोया की मौत को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट की ओर से खारिज किए जाने के बाद के हालत पर चर्चा होगी।
सुत्रों के मुताबिक इस बैठक में न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव पर भी चर्चा होने की पूरी संभावना है। विपक्ष की कोशिश की है इस मुद्दे पर ज्यादा से ज्यादा दलों के बीच सहमति बनाई जा सके।