सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा-‘‘आरएसएस भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज मानता है’’

By भाषा | Published: December 26, 2019 05:32 AM2019-12-26T05:32:00+5:302019-12-26T05:32:00+5:30

भागवत तेलंगाना के आरएसएस स्वयंसेवकों के तीन दिवसीय ‘विजय संकल्प शिविर’ के तहत यहां एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ एक प्रसिद्ध कहावत है विविधता में एकता। लेकिन हमारा देश उससे एक कदम आगे है। सिर्फ विविधता में एकता नहीं बल्कि एकता की विविधता।’’ भागवत ने कहा, ‘‘ हम विविधता में एकता नहीं तलाश रहे हैं।

Sarsanghchalak Mohan Bhagwat said - "RSS considers India's 130 crore population to be Hindu society" | सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा-‘‘आरएसएस भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज मानता है’’

भागवत ने कहा, ‘‘ हम विविधता में एकता नहीं तलाश रहे हैं। हम ऐसी एकता तलाश रहे हैं जिसमें से विविधता आए और एकता हासिल करने के विभिन्न रास्ते हैं।’’

Highlightsभागवत ने कहा, ‘‘ हम विविधता में एकता नहीं तलाश रहे हैं। हम ऐसी एकता तलाश रहे हैं जिसमें से विविधता आए और एकता हासिल करने के विभिन्न रास्ते हैं।’’उन्होंने कहा कि देश परंपरा से हिंदुत्ववादी है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि संघ भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज के रूप में मानता है, चाहे उनका धर्म और संस्कृति कुछ भी हो। उन्होंने कहा कि धर्म और संस्कृति से परे देखते हुए, जो लोग राष्ट्रवादी भावना रखते हैं और भारत की संस्कृति तथा उसकी विरासत का सम्मान करते हैं, वे हिंदू हैं और आरएसएस देश के 130 करोड़ लोगों को हिंदू मानता है।

उन्होंने कहा कि संपूर्ण समाज हमारा है और संघ का उद्देश्य संगठित समाज का निर्माण करना है। भागवत ने कहा, ‘‘भारत माता का सपूत, चाहे वह कोई भी भाषा बोले, चाहे वह किसी भी क्षेत्र का हो, किसी स्वरूप में पूजा करता हो या किसी भी तरह की पूजा में विश्वास नहीं करता हो, एक हिंदू है...इस संबंध में, संघ के लिए भारत के सभी 130 करोड़ लोग हिंदू समाज है।’’ उन्होंने कहा कि आरएसएस सभी को स्वीकार करता है, उनके बारे में अच्छा सोचता है और उन्हें बेहतरी के उच्च स्तर पर ले जाना चाहता है।

भागवत तेलंगाना के आरएसएस स्वयंसेवकों के तीन दिवसीय ‘विजय संकल्प शिविर’ के तहत यहां एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ एक प्रसिद्ध कहावत है विविधता में एकता। लेकिन हमारा देश उससे एक कदम आगे है। सिर्फ विविधता में एकता नहीं बल्कि एकता की विविधता।’’ भागवत ने कहा, ‘‘ हम विविधता में एकता नहीं तलाश रहे हैं। हम ऐसी एकता तलाश रहे हैं जिसमें से विविधता आए और एकता हासिल करने के विभिन्न रास्ते हैं।’’

उन्होंने कहा कि देश परंपरा से हिंदुत्ववादी है। भागवत ने कहा कि प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी रबींद्रनाथ टैगोर ने ‘स्वदेशी समाज’ में लिखा था कि हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच कुछ अंतर्निहित विरोधाभासों के बाद भी हिंदू समाज देश को एकजुट करने का रास्ता तलाशने में सक्षम है।’’ 

English summary :
Sarsanghchalak Mohan Bhagwat said - "RSS considers India's 130 crore population to be Hindu society"


Web Title: Sarsanghchalak Mohan Bhagwat said - "RSS considers India's 130 crore population to be Hindu society"

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