बेंगलुरुः कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने रिझाने का काम शुरू कर दिया। पहली बार सरकार ने राज्य सशस्त्र पुलिस बलों में 'पुरुष तीसरे लिंग' के लिए आरक्षण की घोषणा की है। राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक सशस्त्र बलों में कांस्टेबल के 3,484 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
हाल ही में एक अधिसूचना में राज्य सरकार ने कर्नाटक सशस्त्र पुलिस बलों में 3484 कांस्टेबल पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं, जिनमें से 79 पद 'पुरुष तीसरे लिंग' के लिए आरक्षित किए गए हैं। गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि कुल रिक्तियों में से 420 पद 'कल्याण कर्नाटक' क्षेत्र या तत्कालीन हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
जिनमें से 11 'पुरुष तीसरे लिंग' के लिए और शेष कर्नाटक के लिए आरक्षित हैं। जहां 3064 पद हैं, 68 'पुरुष ट्रांसजेंडर' के लिए आरक्षित हैं। ट्रांसजेंडर सक्रियतावादियों ने आरक्षण मुहैया करने के इस कदम की सराहना की है। ट्रांसजेंडर के कल्याण के लिए काम करने वाले समुदाय के सदस्य एवं मानवाधिकार संगठन ‘ओनडेडे’ के संस्थापक अक्काई पद्मशाली ने कहा, ‘‘मैं फैसले का स्वागत करता हूं। ’’
अक्काई को कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह घोषणा ‘तृतीय लिंग’ समुदाय को मुख्यधारा में शामिल करता है लेकिन ‘पुरुष तृतीय लिंग’ कहा जाने वाला कोई समुदाय नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘उनके (सरकार के) दृष्टिकोण से मैं यह समझ पा रहा हूं कि शायद वे ‘महिला से पुरुष में तब्दील हुए ट्रांसजेंडर पुरुष’ की बात कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के अंदर विभिन्न सांस्कृतिक पहचानों और विविधता को समझने की भी जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि कई ट्रांसजेंडर व्यक्ति स्कूल छोड़ चुके हैं और उन्होंने सरकार से समुदाय की सामाजिक और वित्तीय स्थिति को समझने के लिए एक सर्वेक्षण करने का आग्रह किया। उन्होंने सरकार से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की भलाई के लिए एक बोर्ड गठित करने का भी अनुरोध किया।