Sandeshkhali violence: तृणमूल कांग्रेस में विद्रोह!, सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ दो सांसद, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस के कदम की सराहना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 21, 2024 03:19 PM2024-02-21T15:19:37+5:302024-02-21T15:20:33+5:30

Sandeshkhali violence: वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल ने लोकसभा अध्यक्ष को एक अनुरोध प्रस्तुत किया था, जिसमें उनसे दलबदल विरोधी कानून के तहत शिशिर अधिकारी की सदस्यता रद्द करने का आग्रह किया गया था।

Sandeshkhali violence Two Trinamool Congress tMC MP Shishir Adhikari and MP Divyendu urged West Bengal Governor CV Anand Bose step appreciated close bjp North 24 Parganas district | Sandeshkhali violence: तृणमूल कांग्रेस में विद्रोह!, सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ दो सांसद, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस के कदम की सराहना

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Highlightsयह बहुत अच्छी सोच है। इसके लिए राज्यपाल की सराहना की जानी चाहिए।लोगों को माकपा के गुंडों से बचाने के लिए अपने आवास में शरण दी थी।तृणमूल ने शिशिर पर भाजपा में शामिल होने का आरोप लगाया था।

Sandeshkhali violence: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो सांसदों ने संदेशखालि की पीड़ित महिलाओं के लिए राजभवन के दरवाजे खोलने के पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के कदम की सराहना की है। दोनों सांसदों ने राज्यपाल के रुख की सराहना उस वक्त की है जब दोनों पर भारतीय जनता पार्टी से नजदीकी बढ़ाने के आरोप हैं। कांथि से सांसद शिशिर अधिकारी और उनके छोटे बेटे एवं तमलुक से सांसद दिव्येंदु ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि की महिलाओं की पीड़ा समझने के लिए राज्यपाल की प्रशंसा की है। शिशिर अधिकारी बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के पिता हैं। शिशिर अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल के इस कदम ने उन्हें नंदीग्राम आंदोलन की याद दिला दी जब सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से ‘‘सुरक्षा’’ देने के लिए उस गांव के कई लोगों को शरण देने के लिए उन्होंने खुद के, रिश्तेदारों और दोस्तों के आवास के दरवाजे खोल दिये थे। उन्होंने कहा, ‘‘ यह बहुत अच्छी सोच है। इसके लिए राज्यपाल की सराहना की जानी चाहिए।

यह मुझे याद दिलाता है कि कैसे मैंने आंदोलन के दिनों में नंदीग्राम के कई लोगों को माकपा के गुंडों से बचाने के लिए अपने आवास में शरण दी थी।’’ वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल ने लोकसभा अध्यक्ष को एक अनुरोध प्रस्तुत किया था, जिसमें उनसे दलबदल विरोधी कानून के तहत शिशिर अधिकारी की सदस्यता रद्द करने का आग्रह किया गया था।

तृणमूल ने शिशिर पर भाजपा में शामिल होने का आरोप लगाया था। शिशिर अधिकारी को चुनाव के दौरान भाजपा की विभिन्न रैलियों में भी देखा गया था। शिशिर अधिकारी और दिव्येंदु अधिकारी अब भी तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी से दूरी बनाई हुई है। बंगाल के राज्यपाल ने पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने का संकल्प लिया है।

वह खुद को पीड़ित महिलाओं का मुंहबोला भाई मानते हैं। उन्होंने आश्वस्त किया है कि संदेशखालि की ‘‘पीड़ित’’ महिलाएं राजभवन में शरण ले सकती हैं, जहां उन्हें आश्रय, भोजन और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। दिव्येंदु ने भी बोस को पत्र लिखकर उनके इस कदम की सराहना की है।

तमलुक सांसद ने कहा, ‘‘ अगर आप मुझे पीड़ित महिलाओं की किसी भी तरह से सहायत के लिए अपने साथ खड़े होने की अनुमति देते हैं तो मैं आपका आभारी रहूंगा।’’ तृणमूल नेता शांतनु सेन ने अधिकारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘ इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विश्वासघाती क्या सोचते या कहते हैं। उन दोनों को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे भाजपा में शामिल हो गए हैं या अब भी तृणमूल के साथ हैं।’’ 

Web Title: Sandeshkhali violence Two Trinamool Congress tMC MP Shishir Adhikari and MP Divyendu urged West Bengal Governor CV Anand Bose step appreciated close bjp North 24 Parganas district

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