केंद्र सरकार के खिलाफ फिर से आंदोलन की राह पर किसान, पंजाब में ट्रेन रोक कर किया प्रदर्शन
By शिवेंद्र राय | Updated: July 31, 2022 16:52 IST2022-07-31T16:49:21+5:302022-07-31T16:52:01+5:30
पंजाब में एक बार फिर किसान केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के देशव्यापी विरोध के आह्वान पर पंजाब के किसानों ने रेल रोक कर अपना विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि किसान आंदोलन समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार ने अपनी एक भी मांग को पूरा नहीं किया।

पंजाब में किसानों ने रेल रोक कर अपना विरोध दर्ज कराया
लुधियाना: पंजाब में किसान संगठन एक बार फिर से आंदोलन के रास्ते पर हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के देशव्यापी विरोध के आह्वान पर पंजाब के किसानों ने रेल रोक कर अपना विरोध दर्ज कराया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में बुलाए गए आंदोलन में देश भर के 40 किसान संगठन शामिल हुए। मांगें पूरा नहीं होने के विरोध में किसानों ने अमृतसर, बठिंडा के वल्लाह में रेलवे सेवाएं बाधित की और पटरियों पर लेट गए। किसानों ने अंबाला, पंचकूला के बरवाला और कैथल के चीका में शंभू टोल प्लाजा पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। लुधियाना में प्रदर्शन के दौरान 7 ट्रेनें रोक दी गई। इसमें 5 लंबी दूरी ट्रेनें थीं जबकि 2 लोकल ट्रेनें शामिल थी।
क्या है किसानों की मांग
किसानों की मुख्य मांग यह है कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाया जाए। पूरे पंजाब में प्रदर्शन करने से पहले भारतीय किसान यूनियन और एसकेएम के सदस्यों ने 18 से 30 जुलाई तक जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित कर के विरोध के लिए समर्थन जुटाया था। संयुक्त किसान मोर्चा का केंद्र सरकार पर सबसे बड़ा आरोप है कि दिल्ली में एक साल से ज्यादा चले आंदोलन के बाद भी सरकार ने न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए समिति बनाई है न ही आंदोलन के दौरान जिन किसानों पर मुकदमे दायर किए गए थे उन्हें वापस लिया गया है।
केंद्र पर वादाखिलाफी का आरोप
प्रदर्शन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के वक्ताओं ने कहा कि किसान आंदोलन की समाप्ति के मौके पर केंद्र सरकार ने सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपए नकद एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि किसान आंदोलन समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार ने अपनी एक भी मांग को पूरा नहीं किया।
पंजाब सरकार के खिलाफ भी होगा प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला किया है कि गन्ने का बकाया भुगतान और सफेद मक्खी से क्षतिग्रस्त कपास की फसल का मुआवजा हासिल करने के लिए किसान संगठन पंजाब सरकार के खिलाफ तीन अगस्त को विरोध प्रदर्शन करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि किसान तीन अगस्त को राज्य के माझा, मालवा और दोआबा क्षेत्रों में तीन स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध करेंगे। इससे पहले मई में भी पंजाब के किसानों ने चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास गेहूं की फसल पर बोनस के लिए सरकार पर दबाव डालने और 10 जून से धान की बुवाई की अनुमति देने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था।