लाइव न्यूज़ :

संभल के सपा सांसद ने उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक को चुनावी प्रचार का हथकंडा बताया

By भाषा | Updated: July 12, 2021 11:03 IST

Open in App

संभल (उप्र), 12 जुलाई संभल में समाजवादी पार्टी (सपा) के स्थानीय सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम को चुनावी प्रचार करार देते हुए तंज किया कि इसके लिए शादियों पर प्रतिबंध लगाना बेहतर होगा ताकि बच्चे का जन्म ही न हो सके।

विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की बढ़ती आबादी और शिशुओं एवं माताओं की मृत्यु दर को नियंत्रित करने तथा महिलाओं में सकल प्रजनन दर को 2026 तक 2.1 और 2030 तक 1.9 तक लाने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ की शुरुआत की।

बर्क ने रविवार शाम कहा, ‘‘यह एक चुनावी प्रचार है। वे (भारतीय जनता पार्टी) सब कुछ राजनीतिक कोण से देखते हैं। वे चुनाव जीतना चाहते हैं लेकिन ईमानदारी से लोगों के हित में कोई निर्णय नहीं लेते हैं। चूंकि उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव आ रहा है इसलिए वे इसके बारे में अधिक चिंतित हैं। लेकिन हम उन्हें जीतने नहीं देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बेहतर होगा कि शादियां ही रोक दी जाएं। अगर 20 साल तक कोई शादी नहीं करेगा तो बच्चे पैदा नहीं होंगे।’’ राज्य में हाल में हुए प्रखंड पंचायत चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने खुलेआम धांधली की हैं लेकिन जब भी कोई बड़ा चुनाव होगा, उसमें धांधली नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि चीन ने बच्चों के जन्मदर में सुधार के लिए अपने नियम बदले हैं लेकिन आप (भारत) बच्चों के जन्म पर रोक लगाना चाहते हैं।

उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा।

राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग (यूपीएसएलसी) की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘राज्य विधि आयोग, उप्र राज्य की जनसंख्या के नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण पर काम कर रहा है और एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया गया है।’’

राज्य विधि आयोग ने इस विधेयक का प्रारूप अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है। विधेयक के प्रारूप के अनुसार इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है तथा सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं दिए जाने का जिक्र है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को 'विश्व जनसंख्या दिवस’ के अवसर पर अपने सरकारी आवास पर ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ का लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए लोगों को बढ़ती जनसंख्या की समस्या के प्रति स्वयं तथा समाज को जागरूक करने का प्रण लेने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इस विषय को लेकर समय-समय पर चिंता व्यक्त की गई कि बढ़ती जनसंख्या विकास में कहीं न कहीं बाधक हो सकती है और उस पर अनेक मंचों से पिछले चार दशकों से निरंतर चर्चा चल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिन देशों ने, जिन राज्यों ने इस दिशा में अपेक्षित प्रयास किये उनके सकारात्मक प्रयास देखने को मिले हैं। इसमें और भी प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है, समाज के सभी तबकों को ध्‍यान में रखकर इस नीति को प्रदेश सरकार लागू कर रही है। वास्तव में जनसंख्या नियंत्रण का जो प्रयास है वह समाज की व्यापक जागरुकता के साथ जुड़ा हुआ है। हर तबके को इस जागरुकता अभियान के साथ जोड़ना पड़ेगा।"

योगी ने कहा, ''दो बच्‍चों के बीच में उचित अंतराल नहीं होगा तो उसके पोषण पर असर पड़ेगा। शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने में कठिनाई होगी। पिछले चार-पांच वर्षों में जो प्रयास हुए उसके अच्छे परिणाम आए हैं लेकिन अभी और प्रयास की जरूरत है।''

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ध्यान रखना होगा कि जनसांख्यिकी असंतुलन पर इसका कोई असर न पड़े और माता और बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य को इसके साथ जोड़ना होगा। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस क्षेत्र में प्रयास किया गया।

जनसंख्या नीति के बारे में रविवार को राज्‍य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030 का मूल लक्ष्य सभी लोगों के लिए जीवन के प्रत्येक चरण में उसकी गुणवत्ता में सुधार करना और साथ ही साथ सतत विकास के लिए एक व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण को सक्षम करना है।

उन्होंने बताया कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विशिष्ट उद्देश्य प्रस्तावित किये गये हैं जिसके तहत जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्‍य प्राप्‍त किया जाना, मातृ-नवजात और पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की मृत्यु को रोकना और उनके पोषण स्थिति में सुधार करने के अलावा किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित सूचनाओं और सेवाओं में सुधार पर जोर दिया गया है। इसके अलावा वृद्धों की देखभाल और कल्याण में सुधार भी प्राथमिकता में है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतमुख्यमंत्री माजी लाडकी बहीण योजनाः 8000 सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिला?, अदिति तटकरे ने कहा- 12,000 से 14,000 महिलाओं ने पति खातों का किया इस्तेमाल

बॉलीवुड चुस्कीसंगीतकार पलाश मुच्छल से शादी तोड़ने के बाद पहली बार दिखीं स्मृति मंधाना?, कहा-मुझे नहीं लगता क्रिकेट से ज्यादा मैं किसी चीज से प्यार करती हूं, वीडियो

भारतक्या अधिकारी उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ को प्राथमिकी में नामजद न करके बचाने की कोशिश कर रहे हैं?, मुंबई उच्च न्यायालय ने पुणे विवादास्पद भूमि सौदे पर पूछे सवाल?

भारतVIDEO: संसद में अमित शाह और राहुल गांधी की भिड़ंत, देखें वीडियो

कारोबारIndiGo Cancellation Chaos: 10 दिन में इंडिगो की 4,000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द, 1000 करोड़ रुपये का नुकसान?, दिल्ली बाजार संगठनों का दावा-25 प्रतिशत की गिरावट?

भारत अधिक खबरें

भारतVIDEO: लोकसभा में अमित शाह का तीखा वार! बोले– "दो बड़े बोलें तो बीच में मत बोलो...", विपक्ष रह गया सन्न!

भारतFIH Men's Junior World Cup: आखिरी 11 मिनट में 4 गोल और 2016 के बाद पदक?, जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में कांस्य

भारतFIH Men's Junior World Cup: 9 साल बाद कांस्य पदक, भारत ने अर्जेन्टीना को 4-2 से हराया

भारत‘भाजपा ‘सर-सर’ बोल कर जितना भी चीखे ,पश्चिम बंगाल में ‘मैडम’ के सामने कुछ नहीं?, टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय ने एसआईआर को लेकर कसा तंज, वीडियो

भारतकांग्रेस की हार की वजह ईवीएम या मतदाता सूची नहीं, राहुल गांधी का नेतृत्व?, अमित शाह ने संसद में कहा-पूरी दुनिया में भारतीय लोकतंत्र की छवि धूमिल कर रहे, वीडियो