तिरूवनंतपुरम, 03 अक्टूबरःकेरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने खोल दिया था, जिसके बाद से विभिन्न हिंदू संगठन नाराज हैं और अब वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सड़कों पर उतरने लगे हैं। सैकड़ों अयप्पा श्रद्धालुओं ने मंगलवार को केरल के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया। उन्होंने सड़कों को जाम कर दिया। लेकिन केरल के सीएम पिनाराय विजयन ने इस पर अपनी बात पेश की है।
सीएम पिनाराय विजयन ने कहा है कि केरल सरकार सबरीमाला के फैसले पर समीक्षा याचिका दायर नहीं करेगी। सबरीमाला जाने वाली महिला भक्तों को सुविधाएं और सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
साथ ही उन्होंने कहा है कि केरल और पड़ोसी राज्यों से महिला पुलिस कर्मियों को कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया जाएगा। महिलाएं जो सबरीमाला में जाना चाहती हैं उन्हें रोका नहीं जा सकता है
आपको बता दें, 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी थी। इसमें चार लोगों ने बहुमत से फैसला सुनाया था, जबकि इंदु मल्होत्रा की राय अलग थी।
कोर्ट के फैसले से पहले सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। सबरीमाला मंदिर की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। जिन महिलाओं की उम्र 50 से अधिक है वह दर्शन के लिए आते वक्त अपने साथ आयु प्रमाण पत्र लेकर आएं।