अनुच्छेद 370 पर रूसी राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने कहा भारत के रुख का मजबूती से समर्थन करते है
By भाषा | Published: August 28, 2019 03:43 PM2019-08-28T15:43:34+5:302019-08-28T15:45:23+5:30
कुदाशेव ने कहा कि दोनों पक्ष रक्षा, कारोबार, असैन्य परमाणु क्षेत्र, ऊर्जा, हाइड्रो कार्बन सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के बारे में व्यापक चर्चा करेंगे। जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि रूस संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के बारे में भारत के रुख का मजबूती से समर्थन करता है।
भारत में रूस के राजदूत निकोलाई कुदाशेव ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 4-5 सितंबर को होने वाली रूस यात्रा से दोनों देशों के पहले से प्रगाढ़ संबंधों में एक नये अध्याय की शुरुआत होगी।
कुदाशेव ने कहा कि दोनों पक्ष रक्षा, कारोबार, असैन्य परमाणु क्षेत्र, ऊर्जा, हाइड्रो कार्बन सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के बारे में व्यापक चर्चा करेंगे। जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि रूस संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के बारे में भारत के रुख का मजबूती से समर्थन करता है।
Russian Envoy to India, Nikolay Kudashev on #Article370: This is the sovereign decision of Indian government, it's an internal matter of India. All issues existing between India & Pakistan should be resolved through dialogue on the basis of Shimla agreement & Lahore declaration. pic.twitter.com/Cd9gip1o8d
— ANI (@ANI) August 28, 2019
उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिये शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र के आधार पर अपने लंबित मुद्दों का समाधान करना चाहिए। रूसी राजदूत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर बैठक के दौरान दोनों देश के मध्य आपसी सहयोग के नये आयाम पर चर्चा होगी।
Roman Babushkin, Deputy Chief of Russian Embassy in India: Russia has no role to play in India-Pakistan dispute, unless both ask for mediation. During the closed-door event at the United Nations Security Council (UNSC), we reiterated that Kashmir is an internal issue of India. pic.twitter.com/MOwpN9HCKS
— ANI (@ANI) August 28, 2019
एक अन्य रूसी अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्ष भारत में छह और असैन्य परमाणु संयंत्र स्थापित करने को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे हैं । प्रधानमंत्री मोदी ब्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में भी हिस्सा लेंगे।