नई दिल्ली: यूक्रेन में जारी जंग के बीच भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों के लिए नयी एडवायजरी जारी की है। इसमें भारत ने अपने नागरिकों को आज की यूक्रेन की राजधानी कीव को तत्काल छोड़ने की सलाह दी है। भारतीय दूतावास की ओर से ट्वीट कर ये कहा गया है।
भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, 'छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों को आज तत्काल कीव छोड़ने की सलाह दी जाती है। किसी भी तरह उपलब्ध ट्रेनों द्वारा या उपलब्ध किसी अन्य माध्यम से।'
कीव में स्थित भारतीय दूतावास ने इससे पहले कल कहा था कि यूक्रेन की राजधानी में वीकेंड कर्फ्यू हटा लिया गया है और भारतीय छात्र शहर से बाहर निकलने के लिए रेलवे स्टेशन जा सकते हैं। दूतावास ने भारतीय नागरिकों को अपने पासपोर्ट, पर्याप्त मात्रा में कैश, जरूरी सामान आदि साथ रखने को कहा था। साथ ही दूतावास ने कहा था कि ट्रेनों में देरी हो सकती और उन्हें लंबी कतार में इंतजार करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया के से लगी उसकी (यू्क्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है। सोमवार को यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने छात्रों को राजधानी कीव में रेलवे स्टेशन पहुंचने की सलाह दी, ताकि वे युद्धग्रस्त देश के पश्चिमी हिस्सों तक आगे की यात्रा कर सकें।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कीव पर दिया बड़ा अपडेट
इस बीच ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि रूस ने कीव पर अपना हमला काफी तेज कर दिया है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी ताजा अपडेट में कहा गया, 'रूसी सेनाओं ने कीव के उत्तर में और खार्किव और चेर्निहिव के आस-पास तोपों के इस्तेमाल में वृद्धि की है। घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में भारी तोपों के इस्तेमाल से नागरिकों के हताहत होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।'
भारतीयों को निकालने के लिए वायुसेना मोर्च पर
कीव पर रूस के बढ़ते हमले के बीच भारतीय वायुसेना अब फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' से जुड़ने जा रही है। मंगलवार सुबह आई जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश में भारतीय वायु सेना को इस मिशन से जोड़ा जा रहा है।
इसके तहत वायु सेना अपने सी-17 एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल फंसे हुए नागरिकों को निकालने और मदद पहुंचाने के लिए करेगी। इसकी शुरुआत आज ही हो सकती है। सी-17 के ऑपरेशन गंगा से जुड़ने से एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को भारत सुरक्षित पहुंचाया जा सकता है। माना जा रहा है कि यूक्रेन में अभी भी 15 से 16 हजार भारतीय नगरिक फंसे हुए हैं।