लखनऊ: कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर राजनीति तेज हो गई है। आगरा जिले में राजस्थान बॉर्डर पर भेजी गई कांग्रेस की बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश कराने पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों की सूची में से कुछ बसों की संख्या बदल दी है और झूठे आरोप लगा रही है।
श्रमिकों के लिए बसों को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के साथ चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहें तो इन बसों पर भाजपा एवं अपने बैनर-पोस्ट लगवा दें, लेकिन इनसे श्रमिकों को, उनके गंतव्यों तक पहुंचाने की अनुमति प्रदान करें।
प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘‘ उप्र सरकार ने हद कर दी है। जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई बहनों की मदद करने का मौका मिला तो दुनिया भर की बाधाएं सामने रख दीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘योगी आदित्यनाथ जी, इन बसों पर आप चाहें तो भाजपा का बैनर लगा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगा दीजिए, लेकिन हमारे सेवा भाव को मत ठुकराइए, क्योंकि इस राजनीतिक खिलवाड़ में तीन दिन व्यर्थ हो चुके हैं। और इन्ही तीन दिनों में हमारे देशवासी सड़कों पर चलते हुए दम तोड़ रहे हैं।’’
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘‘ उप्र सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जांच में सही पायी गईं। ऊंचा नागला बॉर्डर (आगरा के निकट) पर आपके (आदित्यनाथ) प्रशासन ने हमारी 500 बसों से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुंच रही हैं।’’ उन्होंने आग्रह किया, ‘‘ कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए। हम आपको कल 200 बसों की नयी सूची दिलाकर बसें उपलब्ध करा देंगे। बेशक, आप इस सूची की भी जांच कीजिएगा। लोग बहुत कष्ट में हैं तथा दुखी हैं। हम और देर नहीं कर सकते।’’
कांग्रेस ने शुरूआत में दावा किया था कि राज्य की भाजपा सरकार उसकी पेशकश की अनदेखी कर रही है । और तो और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात से इंकार कर दिया । कोरोना लॉकडाउन के बाद घरों को जा रहे प्रवासी श्रमिकों की स्थिति पर राजनीति करने का आरोप मढ़ने वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने हालांकि सोमवार को औपचारिक रूप से कांग्रेस की पेशकश स्वीकार कर ली । सरकार ने कांग्रेस से कहा कि वह बसों, उसके ड्राइवरों और कंडक्टरों की सूची सौंपे । लेकिन गतिरोध यहीं नहीं दूर हुआ ।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कही ये बात
इस बीच उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करना कांग्रेस पार्टी के डीएनए में है और बस घोटाला कांग्रेस के घोटालों में नयी कड़ी है । मौर्य ने कहा कि 'बस घोटाला' बोफर्स, 2—जी, कोल गेट और राष्ट्रमंडल घोटालों की श्रृंख्ला में नयी कड़ी है । कांग्रेस बसों के नाम पर आटो रिक्शा और मोटरसाइकिलों का ब्यौरा देकर मजदूरों का मजाक बना रही है । मौर्य ने एक अन्य टवीट में कहा, “कांग्रेस अपनी ही चाल में फंस गयी है । बसों की सूची में भी घोटाला है।” प्रदेश के ही उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयत्न कर रही है और उसे अपना बर्ताव सुधारना चाहिए ।
अखिलेश यादव ने भी किया ट्वीट
उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश की आम जनता हैरत में है कि राज्य सरकार फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए हजारों बसों का उपयोग क्यों नहीं कर रही है । बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अगर कांग्रेस के पास 1000 बसें हैं तो उसे उन्हें लखनउ भेज देना चाहिए, जहां बडी संख्या में लोग घर जाने का इंतजार कर रहे हैं ।