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उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगा के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा

By भाषा | Updated: March 11, 2021 19:47 IST

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नयी दिल्ली, 11 मार्च दिल्ली विधानसभा में बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान द्वारा एक राजनीतिक पार्टी पर पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में भूमिका का आरोप लगाये जाने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी भाजपा के विधायकों के बीच तीखी बहस हुई।

विधानसभा की अल्पसंख्यक कल्याण समिति के अध्यक्ष खान ने फरवरी 2020 में हुए दंगों के पीड़ितों के लिए मुआवजे पर अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए ये आरोप लगाए।

विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने राजनीतिक पार्टी का नाम रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया।

खान को रिपोर्ट पर पांच मिनट बोलने का समय दिया गया। हालांकि, उनके द्वारा लगाए गए आरोपों पर भाजपा विधायकों ने जबरदस्त हंगामा किया।

विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही बहाल करने की कोशिश की और मार्शलों को भाजपा विधायक अनिल वाजपेयी को सदन से बाहर करने का निर्देश दिया।

गोयल ने खान को भी बोलने से रोक दिया और 15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गयी।

नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष से खान के आरोपों को रिकॉर्ड से हटाने और बाजपेयी को कार्यवाही में हिस्सा लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया।

गोयल ने भाजपा विधायक को कार्यवाही में हिस्सा लेने की अनुमति देते हुए उन्हें सदन की मर्यादा बनाकर रखने की सलाह दी।

सदन के बाहर खान ने संवाददाताओं से बात करते हुए आरोप लगाया, ‘‘मैंने कहा कि भाजपा के इशारों पर दंगे हुए। दंगाइयों को भाजपा ने संरक्षण दिया।’’

उन्होंने दंगा के मामले में भाजपा नेता कपिल मिश्रा, रागिनी तिवारी समेत अन्य नेताओं और मंत्रियों के भी नाम लिए।

खान के आरोपों पर सदन के बाहर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि पुलिस की जांच रिपोर्ट से स्पष्ट है कि दंगे में आप के नेता खान और पार्षद ताहिर हुसैन जैसे नेताओं की भूमिका थी।

गुप्ता ने आरोप लगाया, ‘‘खान भाजपा पर इसलिए आरोप लगा रहे हैं क्योंकि दिल्ली को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने के टुकड़े-टुकड़े गिरोह के सदस्यों की साजिश उजागर हो गयी।’’

इससे पहले खान ने पिछले साल फरवरी के अंत में हुए सांप्रदायिक दंगों पर रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि दंगे में 54 लोगों की मौत हुई। इनमें 11 हिंदू थे बाकी मुसलमान।

उन्होंने कहा कि कमेटी को मुआवजा नहीं मिलने या कम मुआवजा की कई शिकायतें मिली। दिल्ली सरकार ने अब तक 27.19 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है।

खान ने कहा कि दंगों के दौरान 47 वाणिज्यिक और 66 रिहायशी संपत्ति को हुए नुकसान के संबंध में मालिकों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है।

रिपोर्ट में अपर्याप्त मुआवजा या मुआवजा नहीं मिलने के मामलों पर गौर करने के लिए एक टीम गठित करने की भी सिफारिश की गयी।

पिछले साल नागरिकता कानून के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगा भड़क गया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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