नागपुर, 10 मार्चः भैयाजी जोशी लगातार चौथी बार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह चुन लिए गए हैं। वो इस पद पर 2021 तक रहेंगे। रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए भैयाजी जोशी ने कहा, 'राम मंदिर बनना तय है, वहां दूसरा कुछ नहीं बन सकता। लेकिन प्रक्रिया से जाना पड़ेगा। न्यायालय के निर्णय के बाद मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होगा। राम मंदिर पर आम सहमति बनना आसान नहीं जो प्रयास हो रहा है उसका हम स्वागत करते हैं।' उन्होंने त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति गिराने को भी गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि लेनिन की प्रतिमा को तोड़ा गया, इसकी संघ निंदा करता है।
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पिछले 9 साल से राष्ट्रीय स्वयं संघ के सरकार्यवाह का पद संभाल रहे सुरेश भैयाजी जोशी का वर्चस्व बरकरार है। शनिवार को एकबार फिर उन्हें तीन साल के लिए आरएसएस का सरकार्यवाह चुन लिया गया। ये उनका चौथा कार्यकाल है। नागपुर में संघ के केंद्रीय प्रतिनिधियों की अहम बैठक जारी है। इससे पहले खबरें आ रही थी कि मोदी के करीबी माने जाने वाले दत्तात्रेय होसबोले को संघ का नया सरकार्यवाह बनाया जा सकता है। लेकिन अंततः भैयाजी जोशी के नाम पर मुहर लगाई गई। बता दें कि सरकार्यवाह के पद को आरएसएस में नंबर दो माना जाता है। इसे महासचिव भी कहा जाता है जो संघ का कार्यकारी प्रमुख होता है।
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भैयाजी के नाम का प्रस्ताव पश्चिम क्षेत्र के संघचालक जयंती भाई भदेसिया ने किया। सरकार्यवाह पद के लिए उनके नाम का समर्थन पूर्वी उत्तर प्रदेश, द्रविण क्षेत्र और असम के संघचालकों ने किया। सर्वसम्मति से नाम प्रस्तावित किया गया था इसलिए चुनाव अधिकारी अशोक सोहोनी ने भैयाजी जोशी को निर्विरोध सरकार्यवाह घोषित कर दिया गया। रविवार को भैयाजी जोशी अगले तीन साल के लिए अपनी नई टीम का चयन करेंगे।
आरएसएस का मौजूदा शीर्ष नेतृत्व इस प्रकार हैः-
सरसंघचालक- डॉ. मोहन भागवतसरकार्यवाह- सुरेश भैयाजी जोशीसह सरकार्यवाह- सुरेश सोनीसह सरकार्यवाह- दत्तात्रय होसबलेसह सरकार्यवाह- डॉ. कृष्ण गोपालसह सरकार्यवाह- वी भगैया