RSS प्रमुख मोहन भागवत कहा,'राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा भारतवर्ष के 'पुनर्निर्माण' की शुरुआत का प्रतीक'

By रुस्तम राणा | Published: January 21, 2024 07:02 PM2024-01-21T19:02:55+5:302024-01-21T19:04:12+5:30

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक लेख में, भागवत ने लिखा कि विवाद पर "संघर्ष और कड़वाहट" समाप्त होनी चाहिए।

RSS chief Mohan Bhagwat says Ram Temple Pran Pratishtha to mark start of ‘reconstruction’ of Bharatvarsh | RSS प्रमुख मोहन भागवत कहा,'राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा भारतवर्ष के 'पुनर्निर्माण' की शुरुआत का प्रतीक'

RSS प्रमुख मोहन भागवत कहा,'राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा भारतवर्ष के 'पुनर्निर्माण' की शुरुआत का प्रतीक'

Highlightsभागवत ने कहा कि भगवान राम को संपूर्ण समाज आचरण के आदर्श के रूप में स्वीकार करता हैउन्होंने संघ की एक वेबसाइट पर लिखा कि विवाद पर "संघर्ष और कड़वाहट" समाप्त होनी चाहिएउन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण "राष्ट्रीय गौरव के पुनर्जागरण" का प्रतीक है

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने रविवार को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भारतवर्ष के 'पुनर्निर्माण' की शुरुआत का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह भारतवर्ष के पुनर्निर्माण के अभियान की शुरुआत का प्रतीक होगा। आरएसएस की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक लेख में, भागवत ने लिखा कि विवाद पर "संघर्ष और कड़वाहट" समाप्त होनी चाहिए।

भागवत ने कहा कि भगवान राम को संपूर्ण समाज आचरण के आदर्श के रूप में स्वीकार करता है। उन्होंने लिखा, "इसलिए अब इस विवाद के पक्ष और विपक्ष में जो विवाद पैदा हुआ है, उसे खत्म किया जाना चाहिए। इस बीच जो कड़वाहट पैदा हुई है, वह भी खत्म होनी चाहिए। समाज के प्रबुद्ध लोगों को यह देखना होगा कि विवाद पूरी तरह से खत्म हो जाए।"

उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण "राष्ट्रीय गौरव के पुनर्जागरण" का प्रतीक है। उन्होंने आगे जोड़ा, "राम जन्मभूमि में श्री रामलला का प्रवेश और उनकी प्राण प्रतिष्ठा भारतवर्ष के पुनर्निर्माण के अभियान की शुरुआत है जो सभी के कल्याण के लिए है, बिना किसी शत्रुता के सभी को स्वीकार करने और सद्भाव, एकता, प्रगति और शांति का मार्ग दिखाने के लिए है।"

मोहन भागवत ने कहा कि भारत का इतिहास आक्रमणों से भरा पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के नाम पर पश्चिम के हमलों ने समाज का पूर्ण विनाश किया। उन्होंने कहा, "देश, समाज को हतोत्साहित करने के लिए उनके धार्मिक स्थलों को नष्ट करना जरूरी था। इसलिए, विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत में मंदिरों को भी नष्ट कर दिया। उन्होंने कई बार ऐसा किया।"

उन्होंने कहा कि भारतीय समाज को हतोत्साहित करने के लिए अयोध्या में राम मंदिर को तोड़ा गया। हालाँकि, समाज ने अपना प्रतिरोध जारी रखा। संघ प्रमुख ने कहा, "समाज झुका नहीं, उनका प्रतिरोध का संघर्ष जारी रहा। इसलिए, (भगवान राम के) जन्मस्थान पर कब्ज़ा करने और वहां (अयोध्या में) मंदिर बनाने के लिए बार-बार प्रयास किए गए। इसके लिए कई युद्ध, संघर्ष और बलिदान हुए उन्होंने कहा, ''और राम जन्मभूमि का मुद्दा हिंदुओं के मन में बस गया है।''

Web Title: RSS chief Mohan Bhagwat says Ram Temple Pran Pratishtha to mark start of ‘reconstruction’ of Bharatvarsh

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