राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने हाफ कस्टडी का हवाला देते हुए झारखंड हाईकोर्ट से जमानत देने की मांग की
By एस पी सिन्हा | Published: June 14, 2019 05:23 AM2019-06-14T05:23:10+5:302019-06-14T05:23:10+5:30
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई है
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई है. हाफ कस्टडी का हवाला देते हुए हाईकोर्ट से जमानत देने की मांग की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि चारा घोटाला के मामले में कई अन्य को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिल चुका है.
यहां बता दें कि चारा घोटाले के तीन मामलों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सजा काट रहे हैं. फिलहाल, खराब स्वास्थ्य के कारण पुलिस कस्टडी में रांची स्थित रिम्स हॉस्पिटल में लालू यादव का इलाज चल रहा है. उल्लेखनीय है कि 950 करोड रुपये के चारा घोटाले की शुरुआत 1994 में शुरू हुई थी. यह संयुक्त बिहार का सबसे बडा घोटाला था. यहां पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर सरकारी खजाने से 950 करोड रुपये राशि कि फर्जी तरीके से अवैध रूप से निकासी कर लिया गया था.
बिहार पुलिस ने 1994 में तत्कालीन बिहार के गुमला, रांची, पटना, डोरंडा और लोहरदगा सहित कई कोषागारों से फर्जी बिलों के जरिए करोड रुपये की कथित अवैध निकासी के बिल जमा कराए गए. यहां रातों-रात सरकारी कोषागार और पशुपालन विभाग के घोटाले में संलिप्त सैकडों कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया. राज्य के कई जिलों में आपराधिक मामले दर्ज कर कई ठेकेदार और सप्लायरों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दिया गया.
उस वक्त राज्य में लालू प्रसाद यादव की हुकुमत थी. वे बिहार के मुखिया थे. विपक्षी पार्टियों ने सरकार के उपर ही सवाल कर दिया था कि बिना सरकार की मिली भगत से इतना बडा घोटाला हो ही नहीं सकता है. यहां विपक्षी नेताओं ने सीबीआई जांच कराने की मांग की थी.
1996 में जब शुरु हुई सीबीआई जांच तो पता चला कि चारा घोटाले में शामिल ज्यादातर आरोपियों के तार राजद और दूसरी बडा पार्टी के नेताओं से जुडे हैं. जांच में यह भी आया कि पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा पशुओं की चारा, दवा सहित कई सप्लाई में खर्च के नाम पर करोडों रुपए की निकासी सरकारी कोषागार से कई वर्षो तक की गई.