नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के विरोध में राजद की ओर से 21 को बुलाये गये बिहार बंद को लेकर पार्टी का नेतृत्व कर रहे तेजस्वी यादव ने चेतावनी दी है कि अगर राजद के बंद पर सरकार और प्रशासन की ओर से किसी तरह का बल प्रयोग किया गया, तो अंजाम बुरा होगा. तेजस्वी की इस चेतावनी को एडीजी पुलिस मुख्यालय ने ओपन चैलेंज के तौर पर लिया है.
बिहार बंद को लेकर तेजस्वी यादव ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है. उन्होंने कहा है, 'हमने 21 दिसंबर को सीएए के खिलाफ बिहार में बंद का आह्वान किया है. अधिनियम असंवैधानिक और मानवता के खिलाफ है. इसने भाजपा के विभाजनकारी चरित्र को उजागर किया है.'
वीडियो में तेजस्वी यादव ने साथ ही कहा, 'हमलोग 21 को शांतिपूर्ण तरीके से प्रतिरोध करेंगे. बिहार बंद करेंगे. पार्टी की ओर से भी कार्यकर्ताओं को निर्देशित कर दिया गया है. फिर भी अगर पुलिस ने किसी पर बल प्रयोग किया, नीतीश कुमार ने कुछ चालाकी दिखाने की कोशिश की, तो अंजाम बुरा होगा.'
तेजस्वी ने कहा कि पहले नीतीश कुमार अपने रूदाली लोगों से रूलावाने का काम कर रहे थे. बता दें कि रूदाली का मतलब ये होता है पहले राजा के घर में कोई मर जाता था, तो रोने और आंसू बहाने के लिए भाडे पर लोगों को बुलाया जाता था. अब खुद रूदाली की भूमिका में नीतीश कुमार आ गए हैं.
तेजस्वी ने कहा कि जब नीतीश कुमार ने भाजपा को छोडा था तब भाजपा जलाओ पार्टी थी और अब ठीक हो गई है. उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस की गोद में बैठकर नीतीश कुमार कह रहे हैं हम किसी को कुछ नहीं होने देंगे. नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने राज्यसभा और लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया है. नीतीश कुमार अभी रोएंगे, अभी वो चीख-चीखकर रोएंगे. बिहार की जनता अनाड़ी नहीं है.
इस बीच, एडीजी जितेंद्र कुमार ने तेजस्वी यादव को दो टूक कहा कि अगर कही किसी ने बंद के दौरान उपद्रव फैलाने या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कडी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. गुरुवार को बिहार बंद के दौरान भाकपा-माले, जाप और वीआईपी के कार्यकर्ताओं ने पटना से लेकर बिहार के दूसरे जिलों में जमकर उत्पात मचाया था.
इस दौरान रेल से लेकर सडक तक जाम कर दिया गया था. साथ ही सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ भी की गई थी. आग लगाने की कवायद करने से भी उपद्रवी बाज नहीं आये थे. वहीं, तेजस्वी के इस बयान पर जदयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तेजस्वी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नही है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी धमकी की भाषा बोलना छोड़ दें. बिहार में मुसलमानों के लिए जितना काम नीतीश कुमार ने किया है उतना किसी ने नहीं किया है.
वहीं, बिहार कांग्रेस के नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की वजह से बिहार में आरएसएस और भाजपा को पैर पसारने का मौका मिला है.