दिल्ली के साकेत कोर्ट ने रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के धन की कथित हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार फोर्टिस के पूर्व प्रवर्तकों मालविंदर सिंह और उनके भाई शिविंदर सिंह को गुरुवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को भी 31 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सिंह बंधु ने जमानत याचिका दायर की थी जिस पर शुक्रवार को अरोड़ा की याचिका के साथ सुनवाई होगी।
दोनों भाईयों के अलावा अन्य आरोपियों में रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुनील गोधवानी, आरईएल और आरएफएल में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना शामिल हैं।
रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (RFL) घोटाला, क्या है पूरा मामला
यह मामला कथित तौर पर हेराफेरी कर 2,397 करोड़ रुपये का गबन करने के आरोपों से जुड़ा है। आरएफएल दरअसल रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) की सहायक कंपनी है। शिविंदर और उनके बड़े भाई मलविंदर पहले आरईएल के प्रमोटर थे। इसी साल मार्च में शिविंदर, गोधवानी और अन्य के खिलाफ आरएफएल के मनप्रीत सिंह सूरी से शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी का प्रबंधन करते समय उन्होंने कर्ज लिया था लेकिन पैसा दूसरी कंपनियों में लगा दिया। पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा कि चारों का आरईएल और उसकी सहायक कंपनियों पर पूर्ण नियंत्रण था। उन्होंने अपने नियंत्रण वाली कंपनियों को कर्ज देकर आरएफएल को खराब वित्तीय स्थिति में डाल दिया। जिन कंपनियों को ऋण दिया गया था, उन्होंने जान-बूझकर उसका भुगतान नहीं किया। इससे आरएफएल को 2,397 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।