मनसुख की मौत की सच्चाई का पर्दाफाश करना एमवीए के लिए आवश्यक है : राउत

By भाषा | Published: March 6, 2021 03:17 PM2021-03-06T15:17:26+5:302021-03-06T15:17:26+5:30

Revealing the truth of Mansukh's death is essential for MVA: Raut | मनसुख की मौत की सच्चाई का पर्दाफाश करना एमवीए के लिए आवश्यक है : राउत

मनसुख की मौत की सच्चाई का पर्दाफाश करना एमवीए के लिए आवश्यक है : राउत

मुंबई, छह मार्च शिवसेना के नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार की ‘‘छवि’’ और ‘‘प्रतिष्ठा’’ के लिए जरूरी है कि हीरेन मनसुख की रहस्यमय मौत से पर्दा उठे। मनसुख को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास मिले विस्फोटकों से लदे वाहन का मालिक बताया जाता है।

पुलिस ने बताया था कि करीब 45 वर्षीय मनसुख ठाणे में मुंबई-रेती बंदर रोड पर एक नदी के किनारे शुक्रवार की सुबह मृत पाए गए थे।

राउत ने संवाददाताओं से कहा कि मनसुख की रहस्यमय मौत ‘‘निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण’’ है। उनके स्कॉर्पियो वाहन का इस्तेमाल अंबानी के आवास के पास विस्फोटक रखने में किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी मौत का राजनीतिकरण करना और सरकार को घेरना गलत है। इस बात पर संदेह है कि मनसुख की मौत आत्महत्या थी या हत्या। मामले में वह महत्वपूर्ण गवाह थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गृह विभाग को जल्द से जल्द सच्चाई का पता लगाना चाहिए। यह महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार की प्रतिष्ठा और छवि के लिए महत्वपूर्ण है।’’

राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि मामले की जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा से लेकर राज्य के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को सौंप दी गई है।

राउत ने कहा कि विपक्षी दल भाजपा मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने की मांग कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्री ने मामले को एटीएस को सौंप दिया है, जो इसे सुलझाने में सक्षम है। हमें विश्वास करना चाहिए।’’

इस बीच, भाजपा नेता आशीष शेल्लार ने शिवसेना नीत सरकार पर निशाना साधा और मनसुख के पोस्टमॉर्टम के समय ‘‘मुठभेड़ विशेषज्ञ’’ सहायक पुलिस निरीक्षक की मौजूदगी पर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा, ‘‘मनसुख के पोस्टमॉर्टम के वक्त मुठभेड़ विशेषज्ञ की मौजूदगी संदिग्ध है क्योंकि वह न तो ठाणे पुलिस में हैं, न ही एटीएस में, जो मामले की जांच कर रही है। इससे यह पता चलता है कि यह सरकार कुछ छिपाना चाहती है।’’

शेल्लार ने मामले की जांच में ‘‘यू-टर्न’’ लेने के लिए गृह मंत्री की भी आलोचना की।

उन्होंने पूछा, ‘‘गृह मंत्री ठाणे और मुंबई पुलिस और उनकी उपलब्धियों की प्रशंसा कर रहे थे, लेकिन आधे घंटे के अंदर ही उन्होंने जांच एटीएस को सौंप देने की घोषणा की। तो आधे घंटे में ऐसा क्या हुआ कि उन्हें जांच एटीएस को सौंपनी पड़ी?’’

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता संदीप देशपांडे ने मांग की कि मामले की जांच किसी निवर्तमान न्यायाधीश से कराई जाए।

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