पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी होने से ही शांति बहाली संभव :मंत्राजय

By भाषा | Updated: June 17, 2021 22:47 IST2021-06-17T22:47:40+5:302021-06-17T22:47:40+5:30

Restoration of peace is possible only after the early completion of the process of retreat in Eastern Ladakh: Ministry | पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी होने से ही शांति बहाली संभव :मंत्राजय

पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने की प्रक्रिया जल्द पूरी होने से ही शांति बहाली संभव :मंत्राजय

नयी दिल्ली, 17 जून पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्षेत्र में संघर्ष के शेष इलाकों से सैनिकों के जल्द पीछे हटने से ही भारत और चीनी सैनिकों के लिये स्थिति सामान्य बनाने पर विचार करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है और सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति और समरसता बहाल हो सकती है ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने डिजिटल माध्यम से आयोजित सप्ताहिक प्रेस वार्ता में यह बात कही ।

उन्होंने कहा कि ऐसे कदमों से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति संभव हो सकती है।

उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख के इन क्षेत्रों से सैनिकों के जल्द पीछे हटने से ही सीमावर्ती इलाकों में पूर्ण रूप से शांति बहाली एवं द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुनिश्चित की जा सकती है।

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच शीर्ष कमांडर स्तर की 11वें दौर की वार्ता 9 अप्रैल को हुई थी । वहीं सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय संबंधी कार्यकारी तंत्र की बैठक 12 मार्च को हुई थी।

समझा जाता है कि सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय संबंधी कार्यकारी तंत्र की अगली बैठक जल्द हो सकती है ।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस वर्ष शुरू की गयी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में 30 अप्रैल को अपने चीनी समकक्ष के साथ चर्चा की थी । इस बारे में मंत्रालय ने कहा था कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है और इसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए ।

भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो इलाके में पिछले वर्ष हिंसक संघर्ष के बाद सीमा गतिरोध उत्पन्न हो गया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने हजारों सैनिकों एवं भारी हथियारों की तैनाती की थी। सैन्य एवं राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने इस वर्ष फरवरी में पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था। हालांकि, समझा जाता है कि कुछ स्थानों पर सैनिकों के पीछे हटने को लेकर अभी भी गतिरोध बरकरार है।

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Web Title: Restoration of peace is possible only after the early completion of the process of retreat in Eastern Ladakh: Ministry

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