गणतंत्र दिवस : कश्मीरी बीएसएफ जवान को मरणोपरांत शौर्य पदक

By भाषा | Published: January 26, 2019 01:39 AM2019-01-26T01:39:38+5:302019-01-26T01:39:38+5:30

नवंबर 2016 में एलओसी की प्रभावी सुरक्षा के लिये कांस्टेबल तापस पॉल और सुधीर हेमब्रोम को भी सम्मानित किया गया है।

Republic Day: Posthumous gallantry medal for Kashmiri BSF jawan | गणतंत्र दिवस : कश्मीरी बीएसएफ जवान को मरणोपरांत शौर्य पदक

फाइल फोटो

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के शहीद जवान मोहम्मद रमजान पर्रे को मरणोपरांत शौर्य के लिये पुलिस पदक (पीएमजी) से सम्मानित करने की घोषणा की गयी है। वर्ष 2017 में छुट्टी पर उत्तर कश्मीर स्थित अपने घर आये पर्रे को आतंकवादियों ने मार दिया था।

पर्रे 2011 में बीएसएफ में शामिल हुए थे। उनकी शहादत अखबारों की सुर्खियां बन गयी थीं और इस घटना ने छुट्टियों एवं त्योहारों के दौरान अपने घर आने वाले कश्मीर के पुलिसकर्मियों, अर्द्धसैनिकों एवं सेना के जवानों को होने वाले खतरों पर प्रकाश डाला था।

उनके प्रशस्ति पत्र में लिखा है, पर्रे ने बेहद बहादुरी से आतंकवादियों की मुहिम को नाकाम किया, जो उनका अपहरण करना चाहते थे। लेकिन बाद में आतंकवादियों ने बांदीपोरा जिले के हाजिन गांव में जबरन उनके घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी। बाद में उन्होंने दम तोड़ दिया।

नियंत्रण रेखा (एलओसी) एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा पार से पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने तथा जम्मू कश्मीर में संघर्ष विराम उल्लंघनों एवं बिना किसी उकसावे के पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देने के लिये सीमा सुरक्षा बल को कुल आठ शौर्य पदक मिले हैं।

नवंबर 2016 में एलओसी की प्रभावी सुरक्षा के लिये कांस्टेबल तापस पॉल और सुधीर हेमब्रोम को भी सम्मानित किया गया है। उनके प्रशस्ती पत्र में लिखा है, ‘‘(गोला बारूद विस्फोट में) घायल होने और बेहद खून बह जाने के बावजूद उन्होंने (पॉल एवं हेमब्रोम ने) गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देना जारी रखा और पूरी बहादुरी से वहां डटे रहे, जिसके कारण पाकिस्तानी सेना के समर्थन से आतंकवादियों की घुसपैठ की मुहिम नाकाम हो गयी।’’ 

कांस्टेबल नितिन कुमार को मरणोपरांत, कांस्टेबल प्रवींद कुमार और बरुण कुमार को भी पीएमजी से सम्मानित किया जाएगा। इन्होंने अक्टूबर 2016 में बारामूला में उनकी चौकी पर आतंकवादियों के आत्मघाती हमले को नाकाम किया था।

बीएसएफ के अन्य 52 जवानों एवं अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिये राष्ट्रपति के पुलिस पदक एवं उत्कृष्ट सेवा के लिये राष्ट्रपति के पुलिस पदक से नवाजा गया।

Web Title: Republic Day: Posthumous gallantry medal for Kashmiri BSF jawan

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