प्रसिद्ध कन्नड़ कवि चन्नवीरा कानवी का 93 साल की उम्र में निधन, वे कोविड की चपेट में भी आ चुके थे

By अनिल शर्मा | Published: February 16, 2022 11:36 AM2022-02-16T11:36:02+5:302022-02-16T12:01:40+5:30

चन्नवीरा कानवी के अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों बाद, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा की थी कि सरकार उनके अस्पताल में भर्ती होने का खर्च उठाएगी और उन्हें सबसे अच्छा इलाज दिया जाएगा।

renowned Kannada poet Channaveera Kanavi dies at age 93 a private hospital in dharwad | प्रसिद्ध कन्नड़ कवि चन्नवीरा कानवी का 93 साल की उम्र में निधन, वे कोविड की चपेट में भी आ चुके थे

तस्वीर साभारः द हिंदू

Highlights1952 कनावी ने अपनी मास्टर डिग्री (कन्नड़ में एम.ए), एक नौकरी प्राप्त की और इसके बाद शादी भी कर ली।कर्नाटक विश्वविद्यालय के प्रकाशन विंग में सचिव के रूप में चन्नवीरा कनवी ने 31 वर्षों तक विश्वविद्यालय की सेवा कीउन्हें 1981 में उनके काम जीवा ध्वनि (कविता) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला

प्रसिद्ध कन्नड़ कवि चन्नवीरा कानवी का आज धारवाड़ के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 93 साल के थे। कानवी  आधुनिक कन्नड़ साहित्य में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में दर्ज थे। उन्हें अक्सर 'समन्वय कवि' (सुलह के कवि) के रूप में जाना जाता है। उनके परिवार में एक बेटी और चार बेटे हैं। उनकी पत्नी और निरंतर साथी 'शांतादेवी' का 2021 में निधन हो गया।

वयोवृद्ध कवि को 14 जनवरी को सांस की समस्या के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे कोविड से भी संक्रमित हो चुके थे लेकिन उससे वे उबर चुके थे। हालांकि, उम्र से संबंधित अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं से उबर नहीं सके। वे वेंटिलेटर पर थे।

चन्नवीरा कानवी के अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों बाद, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा की थी कि सरकार उनके अस्पताल में भर्ती होने का खर्च उठाएगी और उन्हें सबसे अच्छा इलाज दिया जाएगा। COVID-19 संक्रमण पर काबू पाने के बाद कायास लगाए जा रहे थे कि वे जल्द घर लौटेंगे। हालांकि बाद में उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई और उन्होंने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया।

चन्नवीरा कानवी का जन्म 18 जून, 1928 को गडग जिले (पूर्व में अविभाजित धारवाड़ जिले) के होम्बल गाँव में हुआ था। उनके पिता सक्क्रेप्पा 'मास्टर' (एक शिक्षक) थे। सक्क्रेप्पा -पर्वतम्मा के यहां जन्में कानवी ने धारवाड़ के आरएलएस हाई स्कूल में स्थानांतरित होने से पहले गडग में मध्य विद्यालय की शिक्षा प्राप्त की थी, जहाँ उन्होंने प्रसिद्ध मुरुघा मठ में आश्रय और भोजन मिला। उनके प्रधानाध्यापक कोप्पल मास्टर ने स्कूल विविध में उनकी कविताओं को प्रकाशित करके चन्नवीरा में कवि का पोषण किया। 

1952 कनावी ने अपनी मास्टर डिग्री (कन्नड़ में एम.ए), एक नौकरी प्राप्त की और इसके बाद शादी भी कर ली। जिसका वे अक्सर उल्लेख करते थे। कर्नाटक विश्वविद्यालय के प्रकाशन विंग में सचिव के रूप में चन्नवीरा कनवी ने 31 वर्षों तक विश्वविद्यालय की सेवा की और 1983 में इसके निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए।

कनवी की काव्य यात्रा 1949 में 'काव्याक्षी' के प्रकाशन के साथ आधिकारिक रूप से शुरू हुई। इसके बाद, उन्होंने कविताओं के 25 और संग्रह जोड़े। उन्हें कन्नड़ भाषा के प्रमुख कवि और लेखक के रूप में माना जाता है और उन्हें 1981 में उनके काम जीवा ध्वनि (कविता) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला । उन्हें लोकप्रिय रूप से "संवाद कवि" और "सौजन्यदा कवि" के रूप में जाना जाता है। 2011 में, उन्हें साहित्य कला कौस्तुभ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही उन्हें नृपतुंगा पुरस्कार, पम्पा पुरस्कार,मस्ती पुरस्कार, कन्नड़ विश्वविद्यालय से Nadoja पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।

Web Title: renowned Kannada poet Channaveera Kanavi dies at age 93 a private hospital in dharwad

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