लद्दाख हिल काउंसिल में करारी हार के बाद प्रदेश में विधानसभा चुनावों के टलने की घोषणा से भाजपा को राहत!
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 9, 2023 03:47 PM2023-10-09T15:47:34+5:302023-10-09T15:50:54+5:30
कारगिल के स्थानीय हिल काउंसिल के चुनावों के परिणामों में 26 सीटों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस व नेकां ने एक तिहाई से अधिक सीटों पर कब्जा जमा लिया। भाजपा को यहां करारी हार का सामना करना पड़ा।
जम्मू: अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार हुए लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (कारगिल) के चुनाव में इंडिया गठबंधन ने जो जीत का जलवा बिखेरा उसने प्रदेश भाजपा को गहरा आघात पहुंचाया है। इतना जरूर था कि इस हार से घबराई भाजपा को देश के मुख्य चुनावायुक्त की उस घोषणा ने फिलहाल राहत प्रदान की है जिसमें उन्होंने जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों को टालने की बात कही है।
कल कारगिल के स्थानीय हिल काउंसिल के चुनावों के परिणामों में 26 सीटों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस व नेकां ने एक तिहाई से अधिक सीटों पर कब्जा जमा लिया। भाजपा को यहां करारी हार का सामना करना पड़ा। उसके 17 में से दो प्रत्याशी ही जीत सके यानी साढ़े आठ फीसदी प्रत्याशी जीते।
विपक्ष ने कहा कि जनता ने भाजपा को नकार दिया है। यह अनुच्छेद 370 को हटाने तथा राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करने के फैसले के खिलाफ जनमत है। हालांकि प्रदेश भाजपा के नेता कहते थे कि इन चुनावों के परिणाम का जम्मू कश्मीर की राजनीति पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि दोनों अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश हैं और दोनों के अपने अलग अलग राजनीतिक एजेंडे भी हैं।
वहीं राजनीतिक पंडित कहते थे कि इन परिणामों का असर आने वाले लोकसभा चुनावों पर जरूर देखने को मिलेगा, चाहे विधानसभा चुनाव इससे अछूते रहें। यह भी सच है कि चुनावायुक्त ने प्रदेश में फिलहाल विधानसभा चुनावों को कई कारणो से टाल कर अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा की ही मदद की है। उसके कई नेता इसे राहत के तौर पर लेते हुए नाम न छापने की शर्त पर कहते थे कि प्रदेश भाजपा नेताओं को इन परिणामों से सचेत होकर अपनी रणनीति में बदलाव लाना होगा।
जानकारी के लिए आज एक पत्रकारवार्ता के दौरान चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बारे में भी पूछा गया था। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सुरक्षा और अन्य चुनावों को देखते हुए ये फैसला सही समय आने पर लिया जाएगा।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा हालात और एक साथ होने वाले अन्य चुनावों को देखते हुए यह फैसला सही समय पर लिया जाएगा। अभी पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों पूरे होने के बाद अगले साल की शुरुआत में लोकसभा के चुनाव होने की पूरी संभावना है। ऐसे में साफ है कि जम्मू कश्मीर के लोगों को विधानसभा के चुनावों के लिए अभी और इंतजार करना होगा।