लाइव न्यूज़ :

हिमंत की सजा मे ढील देना चुनाव आयोग पर बड़ा सवाल खड़ा करता है: सीताराम येचुरी

By भाषा | Updated: April 4, 2021 16:32 IST

Open in App

गुवाहाटी, चार अप्रैल असम सरकार के मंत्री हिमंत विश्व सरमा के प्रचार करने पर लगाई गई पाबंदी में ढील देने पर चुनाव आयोग को आड़े हाथों लेते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने रविवार को कहा कि यह आयोग की तटस्थता पर ‘एक बड़ा सवाल’ है और उसे इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिये।

वरिष्ठ वामपंथी नेता ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि कांग्रेस नीत महागठबंधन असम में भारी बहुमत से सत्ता में आने जा रहा है और सरकार के गठन के बाद न्यूनतम साझा कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ भारत के चुनाव आयोग की तटस्थता पर एक बड़ा सवाल है। हम चाहते हैं कि आयोग इस संदेह के बादल को दूर करे। यह न केवल चुनाव आयोग का कर्तव्य है बल्कि संविधान के प्रति उसकी जिम्मेदारी भी है।’’

उन्होंने कहा कि सरमा को तो बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के प्रमुख हगरामा मोहिलारी के विरूद्ध धमकी भरे बयान देने के लिए (चुनाव लड़ने से) अयोग्य ठहरा दिया जाना चाहिए था जबकि उन पर चुनाव प्रचार के लिए लगायी गयी 48 घंटे की पाबंदी शनिवार को घटाकर 24 घंटे कर दी गयी।

चुनाव आयोग ने सरमा के बिना शर्त माफी मांगने के बाद पाबंदी की अवधि घटा दी। सरमा ने चुनाव आयोग को यह आश्वासन भी दिया था कि वह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का पालन करेंगे।

येचुरी ने भाजपा के एक अन्य मंत्री पीजूष हजारिका की भी आलोचना की, जिन्होंने कथित रूप से दो पत्रकारों को एक अप्रैल को चुनाव के दूसरे चरण के दिन उनकी पत्नी के विवादास्पद प्रचार भाषण की रिपोर्टिंग करने को लेकर गंभीर परिणाम की धमकी दी। माकपा नेता ने आश्चर्य प्रकट किया कि चुनाव आयोग कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?

उन्होंने कहा, ‘‘ चुनाव आयोग के साथ सर्वदलीय बैठक में निर्णय लिया गया था कि मीडिया दबाव में नहीं होना चाहिए। चुनाव के दौरान मीडिया की अनुचित दबाव से रक्षा की जानी चाहिए और उसे स्वाभाविक ढंग से काम करने दिया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि जिस तरह आदर्श आचार संहिता कानून नहीं बल्कि विभिन्न दलों एवं चुनाव आयोग के बीच आपसी समझ है, उसी तरह मीडिया की सुरक्षा को लेकर सहमति को भी कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए।

येचुरी ने भाजपा पर ‘सांप्रदायिक राजनीति’ करने का आरोप लगाते हुए लोगों से मंगलवार को तीसरे चरण में बाकी 40 सीटों पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विरूद्ध मतदान करने की अपील की।

असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी से छूट गये 19 लाख लोगों में ज्यादातर के हिंदू होने का दावा करते हुए येचुरी ने सवाल किया कि क्यों भाजपा उनको लेकर चुप है, यदि उसे वाकई उनकी फिक्र है।

असम में 2001 से 15 सालों तक सत्ता में रही कांग्रेस ने भाजपा नीत राजग का मुकाबला करने के लिए एआईयूडीएफ, बीपीएफ, माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), आंचलिक गण मोर्चा, राजद, आदिवासी नेशनल पार्टी, और जिमोचयान (देवरी) पीपुल्स पार्टी के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

कारोबार500 किमी तक की उड़ान के लिए किराया 7,500, 500-1,000 किमी के लिए टिकट की कीमत 12,000 रुपये तय, जानें रेट लिस्ट

ज़रा हटकेVIDEO: दूल्हा मंडप में खेलने लगा फ्री फायर, देखें वायरल वीडियो

क्रिकेटपुडुचेरी ने बंगाल को 96 पर किया आउट, मोहम्मद शमी को जमकर कूटा, 24 गेंद में 34 रन, 81 से हार

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारत अधिक खबरें

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू