रजिस्ट्रार अधीनस्थ अदालतों में ‘हाइब्रिड’ सुनवाई के लिए जरूरी अवंसरचना का आकलन करे: उच्च न्यायालय
By भाषा | Updated: March 24, 2021 17:44 IST2021-03-24T17:44:36+5:302021-03-24T17:44:36+5:30

रजिस्ट्रार अधीनस्थ अदालतों में ‘हाइब्रिड’ सुनवाई के लिए जरूरी अवंसरचना का आकलन करे: उच्च न्यायालय
नयी दिल्ली, 24 मार्च दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि वह हाइब्रिड सुनवाई शुरू करने के लिए अधीनस्थ अदालतों में जरूरी आधारभूत संरचना का आकलन करें एवं इसकी विस्तृत जानकारी दिल्ली सरकार को भेजें।
न्यायमूर्ति विपिन संघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल से आंकड़े मिलने के बाद सरकार बजट आवंटित करेगी।
अदालत का निर्देश दिल्ली सरकार के वकील द्वारा यह कहे जाने पर आया कि आकलन प्रस्तुत करने के बाद ही बजट आवंटित किया जा सकता है।
उच्च न्यायालय ने यह निर्देश दो वकीलों अनिल कुमार हजाले एवं मानश्वे झा की याचिका पर दिया जिसमें 15 मार्च से सभी न्यायाधीशों द्वारा मामलों की आमने-सामने की सुनवाई करने के फैसले को सभी वकीलों के टीकाकरण तक टालने सहित कई अनुरोध किए गए हैं।
याचिका में अदालत से यह भी प्रार्थना की गई है कोविड-19 के खतरे के मद्देनजर आमने सामने की सुनवाई के साथ हाइब्रिड सुनवाई (आमने सामने की सुनवाई के साथ वीडियो कांफ्रेंस से भी पक्ष रखने का विकल्प) की जाए।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि अधीनस्थ अदालतों में हाइब्रिड सुनवाई के लिए मुहैया कराई गई अवसंरचना पर हलफानामा दाखिल करे।
याचिका पर सुनवाई के दौरान हजाले ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में उप श्रम आयुक्त कार्यालय, उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम जैसे कई अर्ध न्यायिक निकाय हैं जहां पर मामलों की केवल आमने-सामने की सुनवाई हो रही है।
इसपर उच्च न्यायालय ने कहा कि जब भी अर्ध न्यायिक निकाय के पास अनुरोध आए एवं अवसंरचना उपलब्ध हो तो उच्च न्यायालय एवं निचली अदालत की तरह हाइब्रिड सुनवाई की अनुमति दी जानी चाहिए।
दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत में कहा कि ऐसे निकायों के आधारभूत संरचना के लिए आकलन किया जाएगा और हाइब्रिड सुनवाई प्रणाली स्थापित करने के लिए बजट आवंटित किया जाएगा।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को सूचीबद्ध की है।
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