NRC से बाहर किए गए लोगों के लिए राहत भरी खबर, चुनाव आयोग उन्हें नहीं मानेगा 'संदिग्ध' वोटर
By रामदीप मिश्रा | Published: September 27, 2019 08:56 AM2019-09-27T08:56:50+5:302019-09-27T08:56:50+5:30
'डी' मतदाता असम के मतदाता सूची में बने हुए हैं, वे तब तक चुनाव में मतदान नहीं कर सकते, जब तक कि उनका मामला किसी विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा तय नहीं किया जाता।
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की अंतिम सूची से बाहर रखे गए लोगों के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एनआरसी में छूटे हुए मतदाताओं को 'डी' (संदिग्ध) नहीं माना जाएगा। संदिग्ध या 'डी' मतदाता असम में वोटर्स की एक श्रेणी है, जिनकी नागरिकता अनिश्चित या विवादित रही है। चुनाव आयोग ने 1997 में राज्य की मतदाता सूची को संशोधित करते समय इसे लाया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 'डी' मतदाता असम के मतदाता सूची में बने हुए हैं, वे तब तक चुनाव में मतदान नहीं कर सकते, जब तक कि उनका मामला किसी विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा तय नहीं किया जाता। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में लगभग 1.2 लाख डी मतदाताओं ने भाग नहीं लिया, हालांकि जिन लोगों को एनआरसी से बाहर रखा गया था, उन्हें वोट देने की इजाजत दी गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग के अधिकारी का कहना है कि असम में एनआरसी की लिस्ट से बाहर किए गए 19 लाख से अधिक लोगों में से कितने मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं यह अभी स्पष्ट नहीं है। गृह मंत्रालय का स्पष्टीकरण बहस के लिए बहुत कम जगह देता है। अंतिम एनआरसी के आधार पर मतदाता सूची से कुछ भी नहीं हटाया जाएगा। इसके अलावा, बाहर किए गए लोगों को 'डी' मतदाता के रूप में चिह्नित नहीं किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची 30 अगस्त को ऑनलाइन जारी कर दी गई थी। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया था और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है।