रेड्डी ने बताया, पुलवामा हमले के बाद से आज की तारीख तक 93 आतंकवादी मार गिराए गए
By भाषा | Published: July 10, 2019 05:33 PM2019-07-10T17:33:27+5:302019-07-10T17:33:27+5:30
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस साल के शुरुआती छह माह में, पिछले साल के शुरूआती छह माह की तुलना में राज्य में आतंकवाद संबंधी घटनाओं में 28 फीसदी की कमी आई है।
सरकार ने बुधवार को बताया कि फरवरी में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से सुरक्षा बलों ने 93 आतंकवादियों को मार गिराया है।
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस साल के शुरुआती छह माह में, पिछले साल के शुरूआती छह माह की तुलना में राज्य में आतंकवाद संबंधी घटनाओं में 28 फीसदी की कमी आई है।
घुसपैठ में 43 फीसदी की कमी आई है और आतंकवादियों को मार गिराने की दर 22 फीसदी बढ़ी है। उन्होंने बताया ‘‘पुलवामा हमले के बाद से आज की तारीख तक 93 आतंकवादी मार गिराए गए हैं।’’ रेड्डी ने बताया ‘‘पुलवामा हमले की जांच एनआईए ने की।
हमले के षड्यंत्रकारियों, आत्मघाती हमलावर और वाहन उपलब्ध कराने वाले की पहचान हो गई है। जमीनी स्तर पर चलाए गए अभियानों के फलस्वरूप षड्यंत्रकारी, उसके सहयोगी और वाहन का मालिक मारे जा चुके हैं।’’
गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में एक आत्मघाती हमलावर ने अपनी वैन घुसा दी थी। इस हमले में बल के 40 जवान मारे गए थे। एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में रेड्डी ने बताया ‘‘सरकार ने आतंकवाद के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति अपनाई है। सुरक्षा बलों के ठोस एवं तालमेलपूर्ण प्रयासों के चलते इस साल के शुरूआती छह माह में जम्मू कश्मीर में सुरक्षा हालात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। ’’
पुलवामा हमले में मारे गए सीआरपीएफ जवानों को शहीद का दर्जा देने के लिए कोई आधिकारिक नाम पद्धति नहीं
सरकार ने बुधवार को बताया कि फरवरी में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में मारे गए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को शहीद का दर्जा देने के लिए कोई आधिकारिक नाम पद्धति नहीं है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले में मारे गए सीआरपीएफ जवानों को शहीद का दर्जा देने के लिए कोई आधिकारिक नाम पद्धति नहीं है। राय ने बताया कि गृह मंत्रालय ने कार्रवाई में जान गंवाने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम रायफल्स (एआर) कर्मियों के परिजन को ‘‘ऑपरेशनल कैजुअल्टी सर्टिफिकेट’’ जारी करने के लिए दिशा निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया ‘‘पुलवामा हमले में सीआरपीएफ कर्मियों की मौत के 40 मामलों में से सीआरपीएफ ने 39 मामलों में ‘‘ऑपरेशनल कैजुअल्टी सर्टिफिकेट’’ जारी करने की पुष्टि की है। एक मामले में सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सका क्योंकि उत्तराधिकार प्रमाणपत्र से संबंधित मामला अदालत में विचाराधीन है।’’