महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान के बाद पुनर्निर्माण, प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती

By भाषा | Published: July 24, 2021 04:32 PM2021-07-24T16:32:41+5:302021-07-24T16:32:41+5:30

Reconstruction after the damage caused by rains and floods in Maharashtra, a big challenge before the administration | महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान के बाद पुनर्निर्माण, प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती

महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान के बाद पुनर्निर्माण, प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती

मुंबई, 24 जुलाई महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के चिपलून शहर में जब 21 जुलाई को भारी बारिश शुरू हुई तब कोचिंग केंद्र चलाने वाली प्रगति राणे को यह नहीं पता था कि स्थति इतनी बिगड़ जाएगी कि उसके परिवार और अन्य लोगों को बारिश के बीच आस लगाए रातभर अपने घरों की छत पर बैठना पड़ेगा।

हालांकि, कुछ घंटों बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने उन्हें बचा लिया, राणे जैसे अनेक परिवारों को अपना जीवन दोबारा शुरू करने में बेहद कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। रत्नागिरि के चिपलून, खेड़ और अन्य शहरों तथा पड़ोसी जिले रायगढ़ में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई और नदियों का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया।

ज्यादातर प्रभावित क्षेत्रों में पानी का स्तर बड़ी मात्रा में घट गया है लेकिन बाढ़ से अत्यधिक क्षति हुई है। घरों और सड़कों पर मिट्टी का ढेर जमा हो गया है। कई लोगों ने अपनों को खोया भी है। राणे ने कहा, “21 जुलाई को भारी बारिश हो रही थी। लेकिन मैंने सोचा कि कुछ घंटे तक पानी का स्तर बढ़ेगा और बाद में घट जाएगा। लगातार बारिश से रात में पानी का स्तर अचानक बढ़ा और हमें सब कुछ छोड़कर अपने घर की ढलान वाली छत पर जाना पड़ा।”

उन्होंने कहा, “अगली शाम को एनडीआरएफ के दल ने हमें बचाया।… हमारे लिए यह भयावह अनुभव था…। घर में हमारे पास जो कुछ भी था, वह बर्बाद हो गया। मेरी रसोई के बर्तन और बाकी चीजें खो गई हैं।”

खेड़ और महाड में भी ऐसे ही हालात हैं। महाड में फोटोकॉपी की दुकान चलाने वाले मुजफ्फर खान ने कहा, “21 जुलाई को शाम चार बजे तक दुकान चलाने के बाद, मैं पांच बजे घर गया। इसके बाद इतनी तेज बारिश हुई कि मैं उसके बाद दुकान नहीं जा सका। मैं वहां आज सुबह ही जा पाया। दुकान तक जाने वाली सड़क पर पानी भरा था जहां अब मिट्टी जमा है।”

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि मिट्टी कैसे हटाई जाएगी क्योंकि वह केवल मिट्टी की एक सतह नहीं है, चूहे जैसे मरे हुए जानवर भी हैं। पूरी नाली में दुर्गंध है। हमने स्थानीय अधिकारियों से बात की लेकिन इस समय सभी व्यस्त हैं।”

महाराष्ट्र सरकार के अनुसार, राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 76 लोगों की मौत हुई है और 30 लापता हैं। बाढ़ के बाद प्रशासन के पास एक बड़ी चुनौती यह है कि प्रभावित लोगों तक पेयजल, भोजन और दवाएं कैसे पहुंचाई जाएं।

एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कई स्कूलों और कुछ निजी संपत्तियों का आश्रय के रूप में और घायलों के वास्ते प्राथमिक उपचार केंद्रों के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। वास्तविक चुनौती लापता लोगों को खोजना और उनके परिजनों का पता लगाना है।”

महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत रत्नागिरि के रहने वाले हैं और वह बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “चिपलून शहर के कुछ इलाकों से पानी कम हो रहा है लेकिन कुछ इलाके अब भी जलमग्न हैं। विभिन्न बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मैंने विशेष बैठक की है और उनसे कहा है कि कि संपत्ति के नुकसान और मानव जीवन की क्षति से संबंधित दावों की प्रक्रिया में तेजी लाएं।

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Web Title: Reconstruction after the damage caused by rains and floods in Maharashtra, a big challenge before the administration

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