बातचीत के लिए तैयार, कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं : किसान यूनियन

By भाषा | Updated: February 6, 2021 22:59 IST2021-02-06T22:59:23+5:302021-02-06T22:59:23+5:30

Ready for negotiation, nothing less than repeal of laws accepted: Farmers Union | बातचीत के लिए तैयार, कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं : किसान यूनियन

बातचीत के लिए तैयार, कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं : किसान यूनियन

नयी दिल्ली, छह फरवरी प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने शनिवार को कहा कि वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन केंद्र को एक नया प्रस्ताव लेकर आना चाहिए क्योंकि विवादास्पद कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक के लिए निलंबित रखने का मौजूदा प्रस्ताव उन्हें स्वीकार नहीं है।

किसान यूनियनों ने हालांकि, स्पष्ट किया कि वे तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।

यहां सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में संयुक्त किसान मोर्चे के वरिष्ठ नेता दर्शनपाल ने कहा कि गेंद अब सरकार के पाले में है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम बातचीत के लिए तैयार हैं। गेंद सरकार के पाले में है। हमने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि पिछला प्रस्ताव (कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने) हमें स्वीकार्य नहीं है। अब उन्हें एक नये प्रस्ताव के साथ आना चाहिए।’’

विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को समर्थन देने के लिए सभी वैश्विक हस्तियों का आभार जताया।

उन्होंने कहा, ‘‘किसान कई महीने से आंदोलन कर रहे हैं और कई किसान शहीद हो चुके हैं।’’

मोर्चा ने आरोप लगाया, ‘‘ यह शर्मनाक है कि कुछ लोग सरकार की शह पर इसे आंतरिक मामला बताकर आंदोलन को दबाना चाहते हैं। लेकिन, यह समझना जरूरी है कि लोकतंत्र में लोग बड़े होते हैं ,ना कि सरकार।’’

शनिवार के ‘चक्का जाम’ के बारे में किसान नेता ने दावा किया कि इसे पूरे देश में समर्थन मिला जिससे एक बार फिर ‘‘साबित’’ हो गया कि देशभर में किसान नये कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुट हैं।

दर्शनपाल ने शुक्रवार को संसद में दिए गए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान की भी निंदा की।

उन्होंने कहा, ‘‘ तोमर ने यह कहकर किसानों के संघर्ष का अपमान किया है कि केवल एक राज्य के किसान (केंद्र के नये) कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

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Web Title: Ready for negotiation, nothing less than repeal of laws accepted: Farmers Union

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