पुस्तक ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ विमोचन से पहले विवाद?, आखिर पूर्व प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने क्यों बनाई दूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 18, 2025 12:01 IST2025-04-18T12:00:08+5:302025-04-18T12:01:06+5:30

फारूक अब्दुल्ला ने दुलत के इस दावे को बुधवार को खारिज कर दिया था कि अनुच्छेद 370 को हटाने का ‘‘निजी तौर पर समर्थन’’ किया था।

raw ex chief as dulat new book Controversy release 'The Chief Minister and the Spy' Why did former Chief Justice TS Thakur keep distance farooq omar abdullah mehbooba mufti jk  | पुस्तक ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ विमोचन से पहले विवाद?, आखिर पूर्व प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने क्यों बनाई दूरी

file photo

Highlightsतत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त, 2019 को निरस्त कर दिया था।फारूक अब्दुल्ला के कुछ बयानों का उल्लेख है।

नई दिल्लीः भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने भारतीय खुफिया संस्था ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख ए एस दुलत की पुस्तक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला संबंधी कुछ अंशों को लेकर पैदा हुए राजनीतिक विवाद का जिक्र करते हुए किताब के विमोचन समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। पुस्तक ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ का विमोचन शुक्रवार को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ठाकुर को करना था। समारोह में शामिल होने से उनके इनकार के एक दिन पहले, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में कहा था कि उनके पिता एवं वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला पुस्तक विमोचन समारोह में शामिल नहीं होंगे। फारूक अब्दुल्ला ने दुलत के इस दावे को बुधवार को खारिज कर दिया था कि उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने का ‘‘निजी तौर पर समर्थन’’ किया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि दुलत अपनी आगामी किताब के प्रचार के लिए इस तरह की ‘‘सस्ती लोकप्रियता’’ का सहारा ले रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त, 2019 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ठाकुर ने दुलत के निमंत्रण पर अपने जवाब में कहा, ‘‘हालांकि मैंने विमोचन समारोह में भाग लेने के आपके निमंत्रण को स्वीकार कर लिया था लेकिन कल (बुधवार) से मैंने आपकी पुस्तक के खासकर उन हिस्सों को लेकर प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में राजनीतिक तूफान उठते देखा है, जिनमें (फारूक) अब्दुल्ला के कुछ बयानों का उल्लेख है।

अब्दुल्ला को आप सराहते हैं और एक मूल्यवान मित्र मानते हैं।’’ पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला ने भी उनके हवाले से दिए गए बयानों को सार्वजनिक रूप से ‘‘अस्वीकार किया है।’’ न्यायमूर्ति ठाकुर (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘‘(उम्मीद है कि) इन परिस्थितियों में आप कृपया समझेंगे कि यह विवाद और इसके राजनीतिक पहलू मेरे लिए शर्मिंदगी का कारण बनेंगे।

मैं इनसे अब्दुल्ला परिवार के साथ न केवल अपने लंबे और सौहार्दपूर्ण संबंधों के कारण बचना चाहूंगा, मैं इसलिए भी इससे बचना चाहता हूं क्योंकि पूरी तरह गैर-राजनीतिक व्यक्ति होने के नाते मैं ऐसी पुस्तक का प्रचार या समर्थन करते हुए नहीं दिखना चाहूंगा, जिसे वही व्यक्ति अस्वीकार कर रहा है, जिसके बारे में यह पुस्तक लिखी गई है।’’

पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इसके अलावा फारूक अब्दुल्ला को भी पुस्तक पर चर्चा के लिए पत्रकार वीर सांघवी के साथ मंच साझा करना था, लेकिन शायद वह अब ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस तथ्य से पूरी तरह अवगत हूं कि विमोचन की पूर्व संध्या पर समारोह में शामिल होने से मेरे इनकार करने से आपको असुविधा होगी और आपको किसी अन्य की तलाश करनी पड़ेगी लेकिन मैं जिस स्थिति में हूं, उसे देखते हुए आप मुझे उस असुविधा के लिए माफ कर देंगे जो आपको या पुस्तक के प्रकाशक को हो सकती है।’’ 

Web Title: raw ex chief as dulat new book Controversy release 'The Chief Minister and the Spy' Why did former Chief Justice TS Thakur keep distance farooq omar abdullah mehbooba mufti jk 

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे