यासीन मलिक ने मारी थी शहीद रवि खन्ना को 27 गोलियां, नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जोड़ा गया, पत्नी ने 130 करोड़ भारतीयों का कहा- शुक्रिया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 7, 2019 01:51 PM2019-10-07T13:51:08+5:302019-10-07T13:51:08+5:30
गौरतलब है कि खन्ना और वायुसेना के तीन अन्य कर्मी जनवरी 1990 में कश्मीर में एक आतंकी हमले में शहीद हो गये थे। खन्ना के शरीर में 27 गोलियां मारी गई थी।
जेकेएलएफ के आतंकवादियों के हमले में 1990 में शहीद हुए स्कवाड्रन लीडर रवि खन्ना का नाम भारतीय वायुसेना की मंजूरी के बाद राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जोड़ दिया गया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक (राष्ट्रीय युद्ध स्मारक) में खन्ना का नाम छूट गया था और इस गलती को अब ठीक कर लिया गया है। गौरतलब है कि खन्ना और वायुसेना के तीन अन्य कर्मी जनवरी 1990 में कश्मीर में एक आतंकी हमले में शहीद हो गये थे। खन्ना के शरीर में 27 गोलियां मारी गई थी। यह हमला कथित तौर पर यासिन मलिक ने किया था। जेकेएलएफ के सदस्य यासीन मलिक के खिलाफ पिछले महीने जम्मू की अदालत में सुनवाई फिर से शुरू हुई थी।
IAF engraves name of Sqn Ldr Ravi Khanna on National War Memorial
— ANI Digital (@ani_digital) October 6, 2019
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भारतीय वायुसेना ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना का नाम शामिल किए जाने को मंजूरी दे दी। स्क्वाड्रन लीडर एक आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। रवि खन्ना के नाम को मंजूरी दिए जाने पर उनकी पत्नी निर्मल खन्ना ने वायुसेना का शुक्रिया अदा किया है।
Nirmal Khanna, wife of Squadron Leader Ravi Khanna on IAF approval to include his name on National War Memorial: What else can a soldier long for? When a soldier wears uniform, he knows it's a coffin. I am thankful to Indian Air Force & 130 crore Indians. pic.twitter.com/RgWcPmDUcu
— ANI (@ANI) October 6, 2019
रवि खन्ना की पत्नी ने कहा कि एक सैनिक लंबे समय तक और क्या कर सकता है? जब कोई सैनिक वर्दी पहनता है, तो वह जानता है कि यह एक ताबूत है। मैं भारतीय वायुसेना और 130 करोड़ भारतीयों की शुक्रगुजार हूं।
आतंक वित्तपोषण मामला : एनआईए ने मलिक, अन्य के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद के वित्तपोषण के 2017 के एक मामले में जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और चार अन्य कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। तीन हजार पृष्ठों वाले आरोपपत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने के लिए धन मुहैया कराने के वास्ते पाकिस्तान उच्चायोग ने अलगाववादियों का समर्थन किया था।
यह मामला घाटी में 2017 में आतंकवाद के वित्त पोषण और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के सरगना और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद से जुड़ा हुआ है। एनआईए के विशेष लोक अभियोजक सिद्धार्थ लूथरा ने बताया कि आरोप पत्र में कश्मीरी अलगाववादियों आसिया अंद्राबी, शब्बीर शाह, मसरत आलम भट्ट और जम्मू कश्मीर के पूर्व विधायक रशीद इंजीनियर के नाम भी आरोपियों के रूप में हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश सयाल के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले की सुनवाई बंद कमरे में हुई।
अदालत ने इस आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के लिए सुनवाई की अगली तिथि 23 अक्टूबर तय की। आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र में धारा 120बी (आपराधिक षडयंत्र), सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का कथित तौर पर षड्यंत्र करना (भादंसं की धारा 121) , 124 ए (राजद्रोह) और गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की संबंधित धाराओं के तहत आरोपित किया गया है। एनआईए ने जनवरी 2018 में सईद, एक अन्य आतंकवादी सरगना सैयद सलाहुद्दीन और दस कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ घाटी में आतंकवादी गतिविधियों के लिये कथित तौर पर धन मुहैया कराने और अलगाववादी गतिविधियों के मामले में आरोप पत्र दायर किया था।
सईद और सलाहुद्दीन के अलावा अंतिम रिपोर्ट में शामिल 10 अन्य आरोपियों में हुर्रियत नेता सैयद शाह गिलानी का दामाद अल्ताफ अहमद शाह, गिलानी का निजी सहायक बशीर अहमद भट्ट, हुर्रियत कांफ्रेंस के मीडिया सलाहकार आफताब अहमद शाह, अलगाववादी संगठन नेशनल फ्रंट के प्रमुख नईम अहमद खान, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (आर) के अध्यक्ष फारूक अहमद डार, हुर्रियत कांफ्रेंस (गिलानी धड़े) के मीडिया सलाहकार मोहम्मद अकबर, तहरीक-ए-हुर्रियत के अधिकारी मेहराजुद्दीन कलवाल, हवाला कारोबारी जहूर अहमद शाह और दो पत्थरबाज कामरान युसूफ और जावेद अहमद भट्ट शामिल हैं। एनआईए के मुताबिक, मामला 30 मई 2017 को दर्ज हुआ था और पहली गिरफ्तारी 24 जुलाई, 2017 को हुई थी।