कश्मीर में स्थिति में सुधार करने में असफल रहे भारत-पाकिस्तान, दोनों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाये: संयुक्त राष्ट्र
By भाषा | Published: July 8, 2019 05:35 PM2019-07-08T17:35:14+5:302019-07-08T17:35:14+5:30
गत वर्ष संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय ने कश्मीर पर अपनी पहली रिपोर्ट जारी की थी। उसमें भारत और पाकिस्तान द्वारा गलत कार्यों का उल्लेख किया गया था और उनसे आग्रह किया गया था कि वे लंबे समय से जारी तनाव को कम करने के लिए कदम उठायें।
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार इकाई ने सोमवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर में स्थिति में सुधार में असफल रहे और उसकी पूर्व की रिपोर्ट में जतायी गई कई चिंताओं के समाधान के लिए उन दोनों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाये।
गत वर्ष संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय ने कश्मीर पर अपनी पहली रिपोर्ट जारी की थी। उसमें भारत और पाकिस्तान द्वारा गलत कार्यों का उल्लेख किया गया था और उनसे आग्रह किया गया था कि वे लंबे समय से जारी तनाव को कम करने के लिए कदम उठायें।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय ने नयी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मई 2018 से अप्रैल 2019 तक की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार रिपोर्ट कहती है कि 12 महीने की अवधि में नागरिकों के हताहत होने की सामने आयी संख्या एक दशक से अधिक समय में सबसे अधिक हो सकती है।’’
MEA:Situation created by years of cross-border terrorist attacks from Pakistan has been ‘analysed’ without reference to its causality. Update seems to be contrived effort to create artificial parity b/w world’s largest democracy&a country that practices state-sponsored terrorism. https://t.co/ERjjf2un7F
— ANI (@ANI) July 8, 2019
मानवाधिकार कार्यालय ने कहा ‘‘व्यक्त की गई चिंताओं के समाधान के लिए ना तो भारत और ना ही पाकिस्तान ने ही कोई कदम उठाये।’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘कश्मीर में, भारतीय सुरक्षा बलों के सदस्यों द्वारा उल्लंघनों की जवाबदेही वस्तुतः अस्तित्वहीन है।’’ नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय की अद्यतन रिपोर्ट जम्मू कश्मीर पर पूर्व की झूठी और दुर्भावना से प्रेरित बातों का विस्तार है।