मो.शहाबुद्दीन की मौत के बाद राजद में बगावत के सुर, कई अल्पसंख्यक नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ

By एस पी सिन्हा | Published: May 5, 2021 09:04 PM2021-05-05T21:04:07+5:302021-05-05T21:04:07+5:30

राजद के बड़े नेता, वर्तमान में पार्टी के प्रदेश उपाध्‍यक्ष और बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति सलीम परवजे ने शहाबुद्दीन और उनके परिवार की उपेक्षा का आरोप लगाकर पार्टी छोड दी है।

Rashtriya Janata Dal insurgency notes former vice president latest bihar news | मो.शहाबुद्दीन की मौत के बाद राजद में बगावत के सुर, कई अल्पसंख्यक नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ

मो. शहाबुद्दीन। (फाइल फोटो)

Highlightsकोरोन काल में राजद के अंदर ही बगावत के सुर फूटने लगे हैं।लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार शहाबुद्दीन की मौत के वक्त दिल्ली में थे। इसके बावजूद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की मौत पर यादव के परिवार से कोई नहीं आया।

बिहार में सीवान के पूर्व सांसद और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी रहे बाहुबली नेता मो. शहाबुद्दीन की मौत के बाद सूबे की सियासत आजकल गर्म है। उनकी मौत के बाद पार्टी के अंदर अब बगावत के सुर फूटने लगे हैं। मो. शहाबुद्दीन के निधन के बाद प्रदेश स्‍तर के कई नेताओं ने राजद का साथ छोड दिया है। इस बीच शहाबुद्दीन की मौत को सियासत के तवे पर सेंककर मुस्लिम वोटों को खुद के साथ गोलबंद करने की कोशिश कई दल कर रहे हैं।

वहीं, इस सियासी खेल में तेजस्‍वी यादव और उनकी पार्टी राजद फंसती दिखाई दे रही है। लालू यादव, तेजस्‍वी यादव और उनके पूरे परिवार पर शहाबुद्दीन के परिवार का साथ नहीं देने का आरोप लग रहा है। इधर, एक चर्चा जोर पकड रही है कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी शहाबुद्दीन की पत्‍नी हिना शहाब से नजदीकी बढा रही है। हालांकि। सीवान राजद ने पूर्व सांसद के परिवार के पार्टी के साथ होने का दावा किया है। 

इस बीच सलीम परवजे ने कहा कि शहाबुद्दीन उनके अच्‍छे मित्र और राजद के संस्‍थापक सदस्‍यों में से एक थे। उनके आखिरी दिनों में पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं रही, इसलिए वे पार्टी छोड रहे हैं। इधर, राजद तकनीकी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मो. शोहराब कुरैशी ने भी पार्टी छोड़ने का एलान किया है। उनका कहना है कि वह अपने मार्गदर्शक मरहूम मोहम्मद शहाबुद्दीन के असामयिक मृत्यु से बहुत ही आहत हैं। 

इसे वह बयान नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने ताउम्र राजद की सेवा की। वह सालों-साल पार्टी हित में कार्य करते रहें। उन्होंने कहा कि वैसे कार्यकर्ता जो अपने संसदीय जीवन में विधानसभा के सदस्य तथा लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं, उनके लिए पार्टी में कोई सम्मान नहीं है। ऐसे छोटे कार्यकर्ताओं का क्या होगा? वहीं, राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष अफरीदी रहमान ने तो राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार पर सीधे तौर हमला बोलते हुए मुसलमान विरोधी करार दिया है। 

इस संबंध में उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि लालू प्रसाद यादव के परिवार के लिए शहाबुद्दीन ने बहुत कुर्बानी दी, लेकिन उनके परिवार के लोगों ने धोखा दिया। सारा मुस्लिम लोग शोक में डूबा हुआ है और लालू प्रसाद यादव के परिवार बंगाल का रिजल्ट आने पर जश्न मना रहे हैं। अब उनकी सारी सच्चाई सामने आ गई। ऐसे में जानकारों का तो यह भी कहना है कि अफरीदी रहमान इस तरह की सोच रखने वाले अकेले नहीं हैं। 

इस तरह से राजद के मूल आधार माई यानी एमवाई में से मुस्लिम समाज के अंदर के आक्रोश को सहज ही महसूस किया जा सकता है। नेताओं का आरोप है कि राजद के संस्थापक में से एक रहे शहाबुद्दीन के बीमार होने से लेकर उनके निधन होने तक राजद प्रमुख और उनके परिवार के सदस्य दिल्ली में ही थे, लेकिन किसी ने देखने के लिए जाने तक की जहमत नहीं ली। हालांकि अब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव व लालू प्रसाद यादव के बडे पुत्र तेज प्रताप ने स्थिति को संभालने के लिए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से बयान जारी कर स्थिति को संभालने की कोशिश की है।

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