Madhya Pradesh: लोकसभा चुनाव में रानी, महारानी और मामी का देशी अंदाज बना चर्चा
By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Published: April 22, 2024 03:06 PM2024-04-22T15:06:38+5:302024-04-22T15:10:44+5:30
लोकसभा चुनाव में प्रचार में भले ही बीजेपी और कांग्रेस के स्टार प्रचारक तूफानी प्रचार में जुटे हो। लेकिन तीन अहम सीटों पर सिर्फ रानी, महारानी और मामी की ही चर्चा है। जानिए क्यों?
इन तीन अलग-अलग तस्वीरें के जरिए आप समझ गए होंगे कि हम बात किसकी कर रहे हैं... लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी - कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की साख दाव पर है। जीत के लिए न सिर्फ उम्मीदवार दम लगा रहे हैं बल्कि उनकी पत्नियों देशी अंदाज में मैदान में डटी है।
शिवराज सिंह चौहान की पत्नि साधना सिंह-
शिवराज विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।नामांकन दाखिल करने से पहले पूजा के बाद साधना सिंह के शिवराज के साथ सेल्फी लेते हुए यह तस्वीर और उसके पहले ट्रेन में मतदाताओं से चर्चा की फोटो बताती है कि शिवराज मामा की जीत के लिए मामी साधना सिंह पूरा दम लगा रही ।यही वजह है की साधना सिंह अक्सर चुनाव प्रचार में शिवराज के साथ नजर भी आ रही है....
मामी के बाद अब बात रानी दिग्विजय की पत्नि अमृता राय-
दिग्गी राजा अपने राजनीतिक बयानों और रणनीति के लिए पहचाने जाते हैं लेकिन इस बार का राजगढ़ सीट पर दिग्विजय सिंह का चुनाव बड़ी चुनौती बन गया है और दिग्विजय की जीत के लिए उनकी पत्नी अमृता राय सिंह मीडिया मैनेजमेंट संभाल रही है। अमृता राजगढ़ लोकसभा सीट पर ही डेरा डाले हुए है। नामांकन दाखिल करने से पहले मंदिर में पूजा अर्चना और कदमताल की तस्वीर बताती हैं कि अमृता सिंह इस बार दिग्विजय के चुनाव को लेकर गंभीर हैं और दिग्विजय के बयानों से लेकर उनके मीडिया मैनेजमेंट तक में अमृता राय बड़ी सहयोगी बन गई है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नि प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया-
ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराज कहलाते हैं और उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया यनिंकि महारानी ग्वालियर का किला छोड़ प्रचार में घूमती हुई नजर आ रही है। अब इस वीडियो को देखिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की जीत वाले स्लोगन पर खुद प्रियदर्शनी जीत का रंग भरने की कोशिश में है ताकि 2019 में मिली हार 2024 में जीत में बदल जाये ।
कुल मिलाकर मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल तीन सीटों पर शिवराज दिग्विजय और सिंधिया चुनाव मैदान में है। इस बार कहीं कोई चूक ना हो जाए इसलिए नेताओं की पत्नियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। जो अपने प्रचार के तरीकों से सुर्खियों में भी है।