लाइव न्यूज़ :

महारानी दुर्गावती जयंती विशेष: ऐसी राजपूत वीरांगना, जिसने अकबर की सेना को खदेड़ कर मारा

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: October 5, 2018 08:24 IST

Rani Durgawati Birth Anniversary Special (महारानी दुर्गावती जयंती विशेष): एक उपहार के जवाब में रानी ने अकबर को रुई पीटने वाला मोटा डंडा उपहार भेज दिया था।

Open in App

5 अक्टूबर 1524 को महोबा (उत्तर प्रदेश के झांसी इलाके से सटा) में चंदेल राजा कीर्ति सिंह के घर दुर्गाष्टमी के घर एक बेटी का जन्म हुआ। दुर्गाष्टमी के दिन जन्म होने के कारण राजा ने उनका नाम दुगार्वती रखा। अपने नाम के अनुरूप ही राजकुमारी दुर्गावती जंगलों में जाकर शिकार करती। किशारोवस्‍था में ही उन्होंने एक शेर का शिकार किया था।

उनकी शादी बेहद रोमांचक ढंग से हुई। उन्होंने खुद गोडवाना नरेश दलपतशाह से को पत्र लिखकर अपने पिता के राज्य पर हमला करने को कहा। जब वे युद्ध में उन्होंने अपना पराक्रम दिखाया तब पिता कीर्ति सिंह ने अपनी बेटी का हाथ उन्हें सौंपा।

शादी के बाद रानी दुर्गावती गढ़मंडल दुर्ग (मध्य प्रदेश के जबलपुर के पास) में रहने लगीं। साल भर में वह बेटे वीर नारायण की मां बन गईं। लेकिन बेटा अभी होश संभालने लायक भी नहीं हुआ कि दलपतशाह का निधन हो गया। ऐसे में आसपड़ोस के राज्यों में ऐसा संदेश गया कि राज्य बिना राजा का हो गया है। लेकिन उन्हें अहसास नहीं था कि रानी दुर्गावती अभी जिंदा थी।

अकबर को जवाबी उपहार में भेजा था मोटा डंडा

गोडवाना के वैभव, रानी और राजा की मृत्यू की खबर अकबर को भी हुई। अकबर उस वक्त अपने राज्य के विस्तार में लगे थे। उन्होंने एक बंद पिटारे में रानी दुर्गावती को उपहार भेजा और स्वेच्छा से उनकी अधीनता स्वीकार करने का संदेश दिया। लेकिन रानी उसे ठुकरा दिया। बताते हैं अकबर ने उन्हें चरखा भेजकर यह संदेश देना चाहा था कि उन्हें घर में रहकर काम करना चाहिए।

इसके जवाब में रानी ने अकबर को रोई पीटने वाला मोटा डंडा उपहार भेज दिया था। इससे आहत होकर अकबर अपने सैनिक आसफ खां को गोडवाना पर हमले के लिए भेज दिया।

अकबर के मंत्री असफा खां को चटाई धूल

अकबर की अधीनता स्वीकार ना करने पर असफा खां के नेतृत्व में मुगल सेना ने गोडवाना पर हमला बोल दिया। तब गोडवाना की सेन का नेतृत्व फौजदार अर्जुन दास करते थे और रानी नीतियां तैयार करतीं।

लेकिन एक लड़ाई के दौरान अर्जुन दास को वीरगति प्राप्त हुई। इसके बाद रानी खुद तलावार थामी और मैदान में उतर गईं। दोनों सेनाओं में भारी युद्ध हुआ और आखिरकार असफा की सेना की हिम्मत टूटने लगी। इसमें मालवा के पास नदी ने रानी दुर्गावती की सेना का खूब साथ दिया। रानी दुर्गावती के नेतृत्व में गोडवाना की सेना ने असफा खां की सेना को खदेड़ दिया।

बंदूक-तोपों के सामने रानी नहीं मानी हा‌र, प्राप्त हुई वीरगति

अपनी सेना को पीछे आता देख असफा खां बेहद खफा और लज्जित हुआ। उसने अगले दिन बंदूक वाली सेना को आमंत्रित किया और गोडवाना पर दोबारा हमला कर दिया। इस हमले में रानी का बेटे वीर नारायण घायल हो गए।

रानी ने अपने घायल बेटे को युद्धस्‍थल से बाहर भेज खुद मैदान में डटी रहीं। तभी नदी में बाढ़ आ गई। जो नदी कभी उनकी सेना की ताकत थी वही उनकी कमजोरी बन गई। सेना को भारी नुकसान हुआ। इसका फायदा उठाकर असफा की सेना चढ़ाई करने में सफल रही। गोडवाना के कई जवानों रानी को वहां से निकल जाने को कहा, लेकिन उन्होंने मरते दम तक दुश्मनों का सामना किया और  24 जून, 1564 को महज 40 साल की उम्र में युद्ध मैदान में वीरगति प्राप्त की।

टॅग्स :बर्थडे स्पेशल
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndira Gandhi Birth Anniversary 2025: आज है देश की पहली महिला प्रधानमंत्री का जन्मदिन, जानें 19 नवंबर की तारीख भारतीय इतिहास में क्यों खास?

बॉलीवुड चुस्कीShahrukh Khan Birthday: आज हैं शाहरुख खान का बर्थडे, टीवी से शुरु किया करियर और बन गए बॉलीवुड के बादशाह, जानिए

बॉलीवुड चुस्कीShah Rukh Khan’s 60th Birthday: आज 2 नवंबर को 60 साल के हुए शाहरुख खान, फिल्म दीवाना से बॉलीवुड में कदम रखा था...

भारत'उनका जीवन याद दिलाता है विनम्रता और कड़ी मेहनत...', पीएम मोदी ने ‘मिसाइल मैन’ को किया याद

भारतMamata Banerjee Wished Amitabh Bachchan: अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर ममता बनर्जी ने याद किए 1984 के दिन...

भारत अधिक खबरें

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल