पटनाः लोजपा के संस्थापक और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही लोजपा दो भाग में बंट गई है.
अब रामविलास पासवान की जयंती मनाने को लेकर दोनों खेमा अब मैदान में आमने-सामने हैं. चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस लोजपा पर बर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बीच दोनों खेमे रामविलास पासवान की जयंती को लेकर बिहार में अपनी-अपनी तैयारी तेज कर रहे हैं.
ऐसे में एक तरफ जहां चिराग उसे अपनी पार्टी बताते नहीं थक रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सांसद पशुपति कुमार पारस ने खुद को लोजपा का प्रमुख बताते हुए चिराग को एक तरह से पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. ऐसे में रामविलास पासवान की जयंती को लेकर सभी बडे़ दल अपनी रोटी सेंकने की तैयारी कर चुके हैं.
एक तरफ जहां इस दिन चिराग पासवान ने आशीर्वाद यात्रा शुरू करने का फैसला लिया है, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी रामविलास पासवान की जयंती भव्य तरीके से मनाने का निर्णय लिया है. वहीं चिराग पासवान पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत कर पूरे बिहार में जनता के बीच जाएंगे.
इनसब के बीच आज पटना पहुंचे पारस ने चिराग पासवान को नसीहत देते हुए उनके आशीर्वाद यात्रा पर सवाल उठाया है. पारस ने चिराग पासवान को आशीर्वाद यात्रा नहीं मनाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान को आशीर्वाद यात्रा नहीं निकालनी चाहिए. पशुपति पारस ने गलत बताया और कहा कि किस बात का आशीर्वाद यात्रा. रामविलास पासवान तो अब इस दुनिया में हैं ही नहीं.
पारस ने कहा कि श्रद्धांजलि सभा होना चाहिए और चिराग पासवान का कर्मभूमि जमुई है. इसलिए पशुपति पारस ने चिराग पासवान को सलाह दी कि वह जमुई से यात्रा निकाले. पशुपति ने बताया कि उनकी ओर से लोजपा पार्टी कार्यालय में जयंती मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि दिवंगत नेता रामविलास पासवान जी की जयंती मनाने को लेकर कोई विवाद नहीं है.
चिराग पासवान भी वही कर रहे हैं, जो मैं कर रहा हूं. दोनों का उद्देश्य एक है कि स्वर्गीय रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी जाए. बता दें कि हाजीपुर पशुपति कुमार पारस का संसदीय क्षेत्र है. पारस ने चिराग के इस यात्रा को हाजीपुर से शुरू करने पर भी सवाल उठाया. रामविलास पासवान की जयंती को लेकर उन्होनें कहा कि ‘हमलोग वृहद तरीके से रामविलास पासवान जी की जयंती आयोजन करने वाले हैं.
इस मौके पर समूचे बिहार से लोग आएंगे और जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे. हमारी तरफ से वृहद तरीके से तैयारी जारी है. उन्होंने कहा कि सभी को जयंती मनाने का अधिकार है. इतना ही नहीं पूरे देश में रामविलास पासवान की जयंती मनाई जाएगी. दरअसल हाजीपुर रामविलास पासवान की कर्मभूमि रही है. इस सीट से रामविलास कई बार सांसद रह चुके हैं.
वहीं दावा किया जा रहा है कि जनता के बीच आकर चिराग यहां शक्ति प्रदर्शन करेंगे. वहीं, चिराग ने कहा है कि पारस चाचा के संसदीय क्षेत्र से इसे शुरू करने की बात मेरे उद्देश्य को बहुत छोटा कर देगा. मेरे पापा की वो कर्मभूमि है. उन्होंने हाजीपुर की धरती को अपनी मां का दर्जा दिया है. मेरा फर्ज बनता है कि मैं सबसे पहले वहां जाकर आशीर्वाद मांगू.
यहां बता दें कि 5 जुलाई को पटना स्थित प्रदेश लोजपा कार्यालय में स्वर्गीय रामविलास पासवान की जयंती पारस खेमे की तरफ से मनाई जाएगी. वहीं दूसरी तरफ चिराग पासवान पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर में अपने पिता की जयंती मनाएंगे. हाजीपुर की एक दलित बस्ती में चिराग की तरफ से जयंती का आयोजन किया जाएगा.