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राम मंदिर भूमि पूजनः इंडोनेशिया, चीन, नेपाल, ईरान, मलेशिया का पीएम मोदी ने किया जिक्र, जानिए महत्व

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 5, 2020 18:03 IST

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गापेाल दास, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे। 

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरा भारत भावुक है सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा।कंबोडिया में ‘रमकेर रामायण’, लाओ में ‘फ्रा लाक फ्रा लाम’ रामायण, मलेशिया में ‘हिकायत सेरी राम’ तो थाईलैंड में ‘रामाकेन’ रामायण है।

अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीराम मंदिर शिलापट्ट का अनावरण किया। राम मंदिर भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी ने इंडोनेशिया, चीन, नेपाल, मलेशिया का जिक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले इंडोनेशिया सहित दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो भगवान राम के नाम का वंदन करते हैं।

इस दौरान उनके साथ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गापेाल दास, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरा भारत भावुक है सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। करोड़ों लोगों को आज ये विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते-जी इस पावन दिन को देख पा रहे हैं। बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा।

ईरान और चीन में भी राम के प्रसंग तथा राम कथाओं का विवरण मिलेगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार कंबोडिया में ‘रमकेर रामायण’, लाओ में ‘फ्रा लाक फ्रा लाम’ रामायण, मलेशिया में ‘हिकायत सेरी राम’ तो थाईलैंड में ‘रामाकेन’ रामायण है। उन्होंने कहा, ‘‘आपको ईरान और चीन में भी राम के प्रसंग तथा राम कथाओं का विवरण मिलेगा।’’

मोदी ने कहा कि श्रीलंका में रामायण की कथा ‘‘जानकी हरण’’ के नाम से सुनाई जाती है और नेपाल का तो राम से आत्मीय संबंध माता जानकी से जुड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे ही दुनिया के और न जाने कितने देश हैं, कितने छोर हैं, जहां की आस्था में या अतीत में, राम किसी न किसी रूप में रचे बसे हैं। आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा, आज भी प्रचलित है।’’

चले आंदोलन में अर्पण भी था तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था

राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सब लोगों को आज नमन करता हूँ, उनका वंदन करता हूं।

श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। आप भगवान राम की अद्भूत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट हो गईं। क्या कुछ नहीं हुआ, ​अस्तित्व मिटाने का हर प्रयास हुआ। लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति के आधार हैं।

इंडोनेशिया जैसे सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देश में भी राम पूजनीय हैं: मोदी

राम मंदिर को भारतीय संस्कृति की ‘‘समृद्ध विरासत’’ का द्योतक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा। ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि रामायण इंडोनेशिया, कंबोडिया, लाओस, मलेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका और नेपाल में प्रसिद्ध और पूजनीय है।

मोदी ने कहा कि भगवान राम का जिक्र ईरान और चीन तक में पाया गया है और ‘‘राम कथा’’ कई देशों में प्रचलित है। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में कितने ही देश राम के नाम का वंदन करते हैं। वहां के नागरिक खुद को श्रीराम से जुड़ा हुआ मानते हैं। विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या जिस देश में है, वो है इंडोनेशिया। वहां हमारे देश की ही तरह ‘काकाविन’ रामायण, स्वर्णद्वीप रामायण, योगेश्वर रामायण जैसी कई अनूठी रामायण हैं। राम आज भी वहां पूजनीय हैं।’’

देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी

मोदी ने उम्मीद जताई कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी। उन्होंने कहा, ‘‘आखिर राम सबके हैं, सब में हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला भव्य राम मंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यहां निर्मित होने वाला राम मंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि भगवान श्रीराम का संदेश, राम मंदिर का संदेश, हमारी हजारों सालों की परंपरा का संदेश, कैसे पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे।

उन्होंने कहा, ‘‘कैसे हमारे ज्ञान, हमारी जीवन-दृष्टि से विश्व परिचित हो, ये हमारी, हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ियों की ज़िम्मेदारी है। इसी को समझते हुए, आज देश में भगवान राम के चरण जहां-जहां पड़े, वहां राम सर्किट का निर्माण किया जा रहा है।’’ 

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