Ram Mandir Ayodhya: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर घर पर कैसे करें राम पूजा, जानिए यहां
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 21, 2024 09:05 AM2024-01-21T09:05:52+5:302024-01-21T09:19:04+5:30
22 जनवरी को दोपहर 12.30 बजे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के वक्त आप भी अपने घर पर राम पूजन कर सकते हैं।
नई दिल्ली: भारत सहित पूरा विश्वमें रहने वाले हिंदू अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बीते 18 जनवरी को 51 इंच की काले पत्थर की मूर्ति को कपड़े से ढककर मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया था। इस मूर्ति को मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। अब 22 जनवरी को दोपहर 12.30 बजे प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त पर मूर्ति की आंखें खोली जाएंगी।
समाचार वेबसाइट जी न्यूज के अनुसार यदि आप मंदिर समारोह में शामिल होने में असमर्थ हैं, तो ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित जगन्नाथ ने इस संबंध में कुछ सरल उपाय बताए हैं, जिन नियमों का पालन करके आप भी रामलला प्राण प्रतिष्ठा के वक्त अपने घर पर राम पूजन कर सकते हैं।
ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित जगन्नाथ के अनुसार 'ओम राम रामाय नमः' यानी 'भगवान राम की जय' का पाठ करते हुए आप भी रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समय में अपने घर में भगवान राम का पूजन कर सकते हैं। रामलला के पूजन का 22 जनवरी शुभ मुहुर्त दोपहर 12:20 से 12:45 बजे के बीच तय है।
इसके लिए आप अपने घर के मंदिर की सफाई से शुरुआत करें। उसके बाद शुद्धिकरण स्नान करके माथे पर चंदन का तिलक लगाएं। पूजा के लिए नए, हल्के रंग के कपड़े पहनें। भगवान के प्रसाद के लिए दूध, शहद और अन्य पवित्र प्रसाद का उपयोग करें। उसके बाद भगवान राम की मूर्ति का अभिषेक करें। मंदिर के नीचे एक छोटी पूजा की मेज तैयार करें। उसे जीवंत रंगोली डिजाइनों से सजाएं।
पूजा के लिए अपने पवित्र स्थान को तैयार करके एक स्वस्तिक, सौभाग्य का प्रतीक और पवित्र "ओम" प्रतीक, जो परमात्मा का प्रवेश द्वार है, उसे अवश्य बनाएं। प्रसाद के लिए एक वेदी बनाते हुए मेज पर एक साफ लाल कपड़ा लपेटकर पूजा की शुरुआत करें। दैवीय आशीर्वाद का आह्वान करते हुए कलश को कुमकुम और हल्दी के जीवंत छींटों से सजाएं और फिर भगवान राम के समक्ष नारियल चढ़ाएं। उसके साथ ताजे फल और मिष्ठान भी रखें।
ध्यानपूर्व शास्त्रों के बताये पद्धति के अनुसार पूजन एवं आरती करें और प्रभु राम को प्रसाद भोग लगाकर लोगों में बांटे