(दिल्ली29 आवश्यक संपादकीय सुधार एवं अतिरिक्त सामग्री के साथ रिपीट)
नयी दिल्ली, चार अक्टूबर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी राम माधव की एक नयी पुस्तक में एकात्म मानववाद के दर्शन पर रोशनी डाली गयी है जिसका प्रतिपादन पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने किया था। वेस्टलैंड ने सोमवार को पुस्तक के प्रकाशन की घोषणा की।
पुस्तक ‘द हिंदुत्व पैराडाइम : इंटीग्रल ह्यूमनिज्म एंड क्वेस्ट फॉर ए नॉन-वेस्टर्न वर्ल्डव्यू’ को नयी वैश्विक व्यवस्था के प्रबंधन के लिए समाधान प्रदान करने वाले दर्शन पर रोचक किताब बताया गया है।
माधव ने पुस्तक के बारे में कहा, ‘‘ऐतिहासिक रूप से यूरोप विचारों की जननी रहा है, वहीं भारत विचारों की धरती रहा है। यहां मार्क्स या मिल जैसे विचारक नहीं हुए लेकिन इस देश के विद्वानों ने इतिहास में और भौगोलिक रूप से भी मानव जाति को लगातार, गहरे तक प्रेरित तथा प्रभावित किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद का सिद्धांत उनमें से एक है। यह पुस्तक 21वीं सदी के चश्मे से एकात्म मानववाद के विचार की पुन: व्याख्या करने का विनम्र प्रयास है।’’
पुस्तक में 15 अध्याय एवं एक समापन निबंध है। शुरुआती तीन अध्याय उपाध्याय के जीवन पर, उस समय देश के हालात, एकात्म मानववाद पर उपाध्याय के चार व्याख्यानों के सार पर हैं और शेष 12 अध्याय एकात्म मानववाद दर्शन के विभिन्न पहलुओं पर हैं।
राम माधव ने ‘‘अनईजी नेबर्स : इंडिया एंड चाइना आफ्टर फिफ्टी ईयर्स ऑफ वार’’ (2014) और ‘‘बिकॉज इंडिया कम्स फर्स्ट : रिफ्लैक्शन्स ऑन नेश्नलिजम, आईडेंटिटी एंड कल्चर’’ सहित अन्य किताबें भी लिखी हैं।
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