नई दिल्ली, 15 सितंबर। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पुत्री आशा पासवान अपने ही पिता के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं। खबर के अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव में आरजेडी से अगर उनको टिकट मिलता है तो वह मैदान में उतरेंगी। इस बात का खुलासा खुद आशा के पति ने किया है।
आशा का विवाद अनिल साधु से हुआ है। आशा पासवान की पहली पत्नी की सन्तान हैं। साधु ने लोजपा पर दलितों से बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया और दावा किया कि लोजपा प्रमुख पासवान के खिलाफ उनकी अपनी जाति समूह में काफी नाराजगी है।
इतना ही नहीं पासवान पर आरोप लगाते हुए साधु ने कहा है कि वह अपने बेटे चिराग का समर्थन करते हैं और उन्हें लोकसभा के लिए निर्वाचित कराया तथा पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया। उन्होंने अपने पहले विवाह की पुत्रियों से हमेशा अनुचित व्यवहार किया गया है। लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव हमें टिकट दें तो हम (पत्नी)रामविलास के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। रामविलास पासवान हाजीपुर (सुरक्षित) सीट से सांसद हैं और उनके पुत्र चिराग पासवान जमुई (सुरक्षित) संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। साधु के इस बयान ने बिहार की राजनीति मे एक नया पहलू शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि वह पासवान के खिलाफ पत्नी को मैदान में पारिवारिक कलह के चलते नहीं उतारा चाहते बल्कि यह हमारे मान सम्मान की लड़ाई है। आशा पासवान की पहली पत्नी से दो पुत्रियों में सबसे छोटी हैं और वह गृहिणी हैं।