भले ही हमारा कब्रिस्तान बन जाए लेकिन दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान मांगे पूरी होने तक नहीं हटेंगे: राकेश टिकैत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 5, 2021 04:34 PM2021-09-05T16:34:02+5:302021-09-05T16:34:55+5:30
Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat: मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत (Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat) में देश भर के किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Kisan Leader Rakesh Tikait, Bhartiya Kisan Union) ने मोदी सरकार (Modi Government) पर जमकर निशाना साधा.
Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat: मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत (Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat) में देश भर के किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Kisan Leader Rakesh Tikait, Bhartiya Kisan Union) ने मोदी सरकार (Modi Government) पर जमकर निशाना साधा.
इसके साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को दो टूक कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान वहां से तब तक नहीं हटेंगे जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं हो जाती. उन्होंने कहा कि भले ही किसानों का वहां कब्रिस्तान बन जाए लेकिन किसान वहां से नहीं हटेंगे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, हम संकल्प लेते हैं कि हम धरना स्थल को वहां (दिल्ली सीमा पर) नहीं छोड़ेंगे, भले ही हमारा कब्रिस्तान वहां बना हो. जरूरत पड़ने पर हम अपनी जान भी दे देंगे, लेकिन जब तक हम विजयी नहीं होंगे तब तक धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे.
We take a pledge that we'll not leave the protest site there (at Delhi borders) even if our graveyard is made there. We will lay down our lives if needed, but will not leave the protest site until we emerge victorious: BKU (Arajnaitik) leader Rakesh Tikait at Kisan Mahapanchayat https://t.co/9v8dekM3vBpic.twitter.com/1pbp5ikQ8P
— ANI UP (@ANINewsUP) September 5, 2021
वहीं आंदोलन खत्म करने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि, जब भारत सरकार हमें बातचीत के लिए आमंत्रित करेगी, हम जाएंगे. जब तक मोदी सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, अंग्रेजों से आजादी के लिए 90 साल तक संघर्ष चला, इसलिए मुझे नहीं पता कि किसानों का यह आंदोलन कब तक चलेगा. राकेश टिकैत ने दो टूक कहा कि जब तक तीनों काले कृषि कानून वापस नहीं ले लिए जाते और जब तक मोदी सरकार किसानों की मांगे नहीं मान लेती. तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.