राज्यसभा चुनावः गुजरात में बीजेपी को तीसरी सीट बचाने में छूट रहे हैं पसीने, 8 वोटों की जुगाड़ में जुटा पार्टी नेतृत्व
By महेश खरे | Published: February 28, 2020 08:32 AM2020-02-28T08:32:13+5:302020-02-28T08:32:13+5:30
राज्यसभा में गुजरात के 11 सदस्यों की संख्या में भाजपा का आंकड़ा घट कर 6 और कांग्रेस का बढ़कर 5 हो जाने की संभावना है. तीसरी सीट को बरकरार रखने के लिए भाजपा ने 8 अतिरिक्त मतों के लिए रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है.
गुजरात से 9 अप्रैल को रिक्त हो रही राज्यसभा की 4 सीटों के लिए चुनाव आगामी 26 मार्च को कराए जाने की घोषणा हो चुकी है. गुजरात विधानसभा के वर्तमान संख्याबल के अनुसार भाजपा की एक सीट कम हो सकती है, जिसे बचाने के लिए 8 मतों की जुगाड़ में पार्टी नेतृत्व जुट गया है. गुजरात से रिक्त हो रही चार सीटों में से तीन सीटें भाजपा के पास हैं जबकि एक सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.
चुनाव बाद राज्यसभा में गुजरात के 11 सदस्यों की संख्या में भाजपा का आंकड़ा घट कर 6 और कांग्रेस का बढ़कर 5 हो जाने की संभावना है. तीसरी सीट को बरकरार रखने के लिए भाजपा ने 8 अतिरिक्त मतों के लिए रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है. रिक्त सीटों पर भाजपा के शंभूप्रसाद टुंडिया, चुनीभाई गोहिल (वेरावल), लालिसंह बडोदिया तथा कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री आगामी 9 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व इतनी आसानी से तीसरी सीट खोने के लिए तैयार नहीं होगा. एक सीट जीतने को चाहिए 37 मत राज्यसभा की एक सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रत्याशी को कम से कम 37 मतों की जरूरत होगी. इस समय विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 103 है.
संख्याबल के हिसाब से भाजपा के तीसरे प्रत्याशी को जीतने के लिए 8 अतिरिक्त मतों की जरूरत होगी. कांग्रेस के 73 विधायक हैं. निर्दलीय जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस का साथ देते रहे हैं. इस बार भी कांग्रेस को मेवाणी का साथ मिलने की उम्मीद है. इस तरह कांग्रेस के दो प्रत्याशी आसानी से जीत सकते हैं.
इनके अलावा भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) के दो और एनसीपी का एक विधायक है. अभी कांग्रेस और भाजपा के दो दो प्रत्याशी राज्यसभा में पहुंच सकते हैं. क्रॉस वोटिंग की आशंका चुनाव में अपने तीसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए भाजपा को 8 वोटों की दरकार है. इस कारण कांग्रेस के किले में तोड़ फोड़ की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.
बीटीपी और एनसीपी के विधायक को भी भाजपा अपने पाले में करने के लिए कोई कोर कसर नहीं उठा रखेगी. मुख्यमंत्री विजय रु पाणी भी यह सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि कांग्रेस के कई विधायक भाजपा से हाथ मिलाने को कतार में हैं.