Rajya Sabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए सोमवार को राजस्थान से चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ को उम्मीदवार घोषित किया। पार्टी की ओर से जारी एक सूची में दोनों की उम्मीदवारी की घोषणा की गई। इसमें बताया गया कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने दोनों के नामों पर मुहर लगाई है। आदिवासी समुदाय से आने वाले गरासिया राज्य सरकार के पूर्व मंत्री हैं जबकि राठौड़ पूर्व विधायक हैं। मदन राठौड़ पाली की सुमेरपुर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे हैं। वह 2003 में पहली बार विधायक बने थे। वहीं 2013 में दूसरी बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे। 2013 से 2018 में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में सरकार की ओर से उप मुख्य सचेतक थे। चुन्नीलाल गरासिया पूर्व मंत्री और संगठन में कई पदों पर रहे है।
गरासिया वर्तमान में भाजपा में प्रदेश उपाध्यक्ष है। राज्यसभा की तीन सीटों के लिए राजस्थान विधानसभा में 27 फरवरी को मतदान होना है। भाजपा, कांग्रेस, निर्दलीय और अन्य दलों के प्रत्याशियों की संख्या के हिसाब से राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के दो और कांग्रेस के एक प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है। कांग्रेस ने अभी अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने भाजपा के दोनों राज्यसभा उम्मीदवारों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ’’भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा राजस्थान में होने वाले आगामी राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव हेतु चुन्नीलाल गरासिया जी व मदन राठौड़ जी को उम्मीदवार बनाये जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।’’ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘राजस्थान से राज्यसभा के लिए भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री चुन्नीलाल गरासिया जी एवं पूर्व विधायक मदन राठौड़ जी को उम्मीदवार बनाने पर हार्दिक बधाई एवं विजय के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’’ राजस्थान में तीन राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया 8 फरवरी से शुरू हो गई है।
नामांकन 15 फरवरी तक दाखिल किये जा सकेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नामांकन पत्रों की जांच 16 फरवरी को होगी, जबकि उम्मीदवार 20 फरवरी तक अपना नाम वापस ले सकेंगे। राजस्थान से राज्यसभा सदस्य डॉ. मनमोहन सिंह (कांग्रेस) और भूपेन्द्र सिंह (भाजपा) का कार्यकाल तीन अप्रैल को समाप्त हो रहा है। एक रिक्त सीट पर चुनाव होना है।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने विधायक चुने जाने के बाद दिसंबर में सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। भूपेन्द्र यादव को भाजपा ने इस बार राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाया है और उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें हैं। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 115 और कांग्रेस के 70 सदस्य हैं।
मुकाबले की स्थिति में एक सीट जीतने के लिए कम से कम 67 वोटों की आवश्यकता होगी। राजस्थान में राज्यसभा की 10 सीटें हैं। वर्तमान में कांग्रेस के छह और भाजपा के तीन सदस्य हैं। एक सीट खाली है। प्रत्याशियों की संख्या तीन से ज्यादा हुई तो मतदान प्रक्रिया अपनाई जाएगी अन्यथा तीनों प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे।
राज्यसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के उम्मीदवार देवेन्द्र प्रताप सिंह तत्कालीन गोंड आदिवासी शाही परिवार के वंशज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय सदस्य रहे हैं। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि वह रायगढ़ जिले के लैलुंगा से निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य हैं।
भाजपा ने रविवार को सिंह को छत्तीसगढ़ की एकमात्र सीट के लिए अपना उम्मीदवार बनाया। सरोज पांडे का राज्यसभा में कार्यकाल समाप्त होने वाला है और उनकी जगह सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के पांच राज्यसभा सदस्यों में पांडे के अलावा अन्य चार सदस्य कांग्रेस के केटीएस तुलसी, फूलोदेवी नेताम, रंजीत राजन और राजीव शुक्ला हैं।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, "देवेन्द्र प्रताप सिंह रायगढ़ के तत्कालीन गोंड (आदिवासी) शाही परिवार के वंशज और रायगढ़ जिले के लैलूंगा से मौजूदा जिला पंचायत सदस्य हैं।" वह रेल मंत्रालय की रेलवे हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय सदस्य सिंह शास्त्रीय नृत्य और संगीत के दिग्गज रहे दिवंगत राजा चक्रधर सिंह के पोते हैं।” राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 54 जबकि कांग्रेस के 35 विधायक हैं। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का विधानसभा में एक सदस्य है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तराखंड इकाई के प्रमुख महेंद्र भट्ट को आगामी राज्यसभा चुनाव में रविवार को उम्मीदवार घोषित किया है। पूर्व विधायक भट्ट भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी की रिक्त हो रही सीट के लिए चुनाव लड़ेंगे। बलूनी का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है।
भट्ट वर्ष 2002 में पहली बार नंदप्रयाग से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे। वह 2017 में बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र से चुने गए थे। इससे पहले उन्होंने 2002-2007 तक राज्य विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक सहित विभिन्न संगठनात्मक पदों पर सेवाएं दीं। राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के योगदान को याद करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उच्च सदन को उनके अनुभवों की बहुत कमी खलेगी और उनके जाने से एक रिक्तता पैदा होगा। उपराष्ट्रपति उच्च सदन के उन 68 सांसदों को विदाई दे रहे थे जो इस साल फरवरी से मई के बीच सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
सेवानिवृत्त हो चुकी पांच महिलाओं जया बच्चन, वंदना चव्हाण, कांता कर्दम, सोनल मानसिंह और अमी याज्ञिक को के योगदान को सराहा। पांचों उपाध्यक्षों के पैनल में थीं। धनखड़ ने कहा कि सेवानिवृत्त होने वाले मंत्रियों में धर्मेंद्र प्रधान, नारायण राणे, अश्विनी वैष्णव, मनसुख मंडाविया, भूपेंद्र यादव, पुरुषोत्तम रुपाला, राजीव चंद्रशेखर, वी मुरलीधरन और एल मुरुगन शामिल हैं।