लाइव न्यूज़ :

Parliament ki khabar: दिल्ली हिंसा पर चर्चा को लेकर हो रहे हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही 11 मार्च तक स्थगित

By अनुराग आनंद | Updated: March 6, 2020 12:08 IST

कांग्रेस समेत विपक्ष दिल्ली हिंसा पर सदन में चर्चा की मांग कर रहा है। कांग्रेस विपक्ष लगातार दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहा है। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी 11 मार्च को लोकसभा और 12 मार्च को राज्यसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने की बात कह चुके हैं।

Open in App
ठळक मुद्देदिल्ली हिंसा पर संसद के सदन में हंगामे पर कांग्रेस के 7 सदस्य निलंबित हुए।  संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी 12 मार्च को राज्यसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने की बात कह चुके हैं।

दिल्ली हिंसा को लेकर शुक्रवार को सदन की कार्यवाही के शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। इसके बाद राज्यसभा में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 11 मार्च तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई लोगों ने गांधी जी के प्रतिमा के आगे अपना विरोध दर्ज कराया। शुक्रवार को सदन में 'अमित शाह इस्तीफा दो' और 'दिल्ली को इंसाफ दो' के नारे लगाए गए।

बता दें कि कांग्रेस समेत विपक्ष दिल्ली हिंसा पर सदन में चर्चा की मांग कर रहा है। कांग्रेस विपक्ष लगातार दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहा है। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी 11 मार्च को लोकसभा और 12 मार्च को राज्यसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने की बात कह चुके हैं। 2 मार्च से शुरू हुए सत्र में लगातार कार्यवाही बाधित हो रही है।

Rajya Sabha adjourned till 11am on 11th March, following uproar by the Opposition https://t.co/TnTi6sWiMC— ANI (@ANI) March 6, 2020

 

दिल्ली हिंसा पर संसद के सदन में हंगामे पर कांग्रेस के सदस्य निलंबित हुए-  

कांग्रेस सांसदों के निलंबित किए जाने के मामले पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यहां तानाशाही चलती है। ये नहीं चाहते कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा हो। हम सब ने विरोध किया था। मैंने भी विरोध किया था,ये लोग मुझे क्यों नहीं निलंबित करते है।

कांग्रेस ने अपने सात लोकसभा सदस्यों के मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने को बदले की भावना से उठाया गया कदम करार दिया और दावा किया कि ‘‘यह फैसला लोकसभा अध्यक्ष का नहीं, बल्कि सरकार का है।’’

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार के इस ‘तानाशाही वाले निर्णय’ से पार्टी के सदस्य झुकने वाले नहीं हैं और वे दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा की मांग उठाते रहेंगे।

चौधरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज जो हुआ है वो संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्मिंदगी की दास्तान है। हम दो मार्च से मांग करते आ रहे हैं कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा शुरू कराई जाए। हिंसा से देश की छवि धूमिल हो रही है, लोगों की जान जा रही है और मजहबी दरार बढ़ती जा रही है। इसलिए हम देश की खातिर चर्चा चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी के नेतृत्व में हमने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। हमने आज भी कहा कि हम सभी चीजों पर सहयोग करेंगे, लेकिन दिल्ली हिंसा पर चर्चा होना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष ने सुबह बुलाकर हमसे कहा कि सरकार कोरोना वायरस पर बयान देना चाहती है जिस पर हमने सहमति जताई। सरकार ने कोरोना वायरस पर बयान दिया और उसके बाद हमने फिर से दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग उठाई।’’

सदन में हंगामे की वजह से नरेंद्र मोदी सरकार ले सकती है ये फैसला-

दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्षी दलों द्वारा सदन में हंगामे के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिना किसी व्यवधान के बिल को पास कराने के लिए नया व बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने दिल्ली हिंसा पर बुधवार को लोकसभा और गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा का प्रस्ताव रखा है।  

सोमवार और मंगलवार को होली के कारण संसद की छुट्टी है। ऐसे में अहम बिल व बजट को पास कराने के लिए सरकार के पास कम समय बचेगा।  इसीलिए सदन में नरेंद्र मोदी सरकार अब गिलोटिन के माध्यम से बिल को पास कराने का काम करेगी। सरकार ने सभी मंत्रालयों के अनुदान मांगों को पास कराने के लिए यह फैसला लिया है। 

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, सरकार के सामने चुनौती यह भी है कि उसे इस हंगामे के वावजूद 3 अप्रैल से पहले बजट पास कराना है। ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि 16 मार्च का सदन में गिलोटिन होगा। इसके बाद सरकार को राज्यसभा में 14 और दिन मिल जाएंगे। इससे सरकार को बिल पास कराने में असान होगा। 

गिलोटिन क्या होता है-भारतीय संविधान में बजट सत्र में मंत्रालयों के अनुदान मांगों को बिना चर्चा के पारित कराने की प्रक्रिया को 'गिलोटिन' कहा जाता है। इसके अलावा, यूरोपीय देशों में 'गिलोटिन' एक तरह का यंत्र हुआ करता था जिसका इस्तेमाल मौत की सजा में होता है। लेकिन, बाद में इस शब्द को कई अलग-अलग अर्थों में इस्तेमाल होने लगा है। वहीं, भारत में कई मंत्रालय हैं सभी चर्चा होना संभव नहीं इसलिए ऐसे में जिन मांगों पर चर्चा नहीं हो पाती है उस पर मतदान कराकर पारित कर दिया है जिसे गिलोटिन कहा जाता है।

टॅग्स :दिल्ली हिंसाराज्य सभाइंडियाकांग्रेसराहुल गांधी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारत अधिक खबरें

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू