राज्य सभा में शाह का जवाबः जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधक भी आर्टिकल 370, अब लंबे रक्तपात भरे युग का हो रहा है अंत
By रामदीप मिश्रा | Published: August 5, 2019 06:10 PM2019-08-05T18:10:57+5:302019-08-05T18:10:57+5:30
अमित शाह ने राज्य सभा में जवाब देते हुए कहा कि मैं आज सदन के सामने जम्मू कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक संकल्प और बिल लेकर उपस्थित हुआ हूं। मैं सदन के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि जम्मू कश्मीर में एक लंबे रक्तपात भरे युग का अंत धारा 370 हटने के बाद होने जा रहा है।
देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार (05 अगस्त) को राज्य सभा में अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए विधेयक पेश किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया, जिस पर पूरे दिन गर्मजोशी से चर्चा हुई। इसके बाद गृह मंत्री ने विपक्ष द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया। साथ ही साथ करारा हमला बोला।
उन्होंने राज्य सभा में जवाब देते हुए कहा कि मैं आज सदन के सामने जम्मू कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक संकल्प और बिल लेकर उपस्थित हुआ हूं। मैं सदन के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि जम्मू कश्मीर में एक लंबे रक्तपात भरे युग का अंत धारा 370 हटने के बाद होने जा रहा है। धारा 370 ने जम्मू कश्मीर, लद्दाख और घाटी के लोगों का बहुत नुकसान किया है।
उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 अस्थाई था और इसे कभी न कभी हटना था लेकिन पिछली सरकारों ने वोट बैंक के लिए इसे हटाने की हिम्मत नहीं की। कैबिनेट ने आज हिम्मत दिखाकर और जम्मू कश्मीर के लोगों के हित के लिए यह फैसला लिया है। आर्टिकल 370 के कारण जम्मू कश्मीर में कभी भी लोकतंत्र प्रफुल्लित नहीं हुआ। आर्टिकल 370 और 35A के कारण भ्रष्टाचार फला-फूला, पनपा और चरम सीमा पर पहुंचा। आर्टिकल 370 और 35A के कारण ही गरीबी घर कर गई।
शाह ने कहा कि 40 हजार पंच-सरपंच का अधिकार 70 साल तक जम्मू कश्मीर के लोगों से ले लिया। इसका जिम्मेदार अनुच्छेद 370 है। राष्ट्रपति शासन के बाद वहां चुनाव हुए और आज 40 हजार पंच-सरपंच वहां के विकास में योगदान दे रहे हैं। जम्मू और कश्मीर के विकास में बाधक भी आर्टिकल 370 है। शिक्षा के लिए यहां के बच्चों को देशभर के शिक्षा संस्थानों पर जाना पड़ता है इसका भी कारण 370 है। जम्मू और कश्मीर के विकास में बाधक भी आर्टिकल 370 है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने पैसा दिया फिर भी जम्मू और कश्मीर का विकास नहीं हुआ। आर्टिकल 370 महिला विरोधी, दलित विरोधी, आदिवासी विरोधी और आतंकवाद की जड़ है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए नहीं, वहां हो रही जांच के खिलाफ हो-हल्ला हो रहा है।