लाइव न्यूज़ :

राजौरी व पुंछ जिले बने सेना के लिए परेशानी, 30 महीनों में 26 सैनिक और 9 नागरिकों ने जान गंवाई

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: May 6, 2023 15:11 IST

आतंकी स्नाइपर राइफलों और अति आधुनिक हथियारों से लैस होने के साथ ही क्षेत्र से भली भांति परिचित होने वाले बताए जा रहे हैं। राजौरी व पुंछ जिलों में फैली इस जंग के प्रति कहा जा रहा है कि मुकाबला अदृश्य दुश्मन से है।

Open in App
ठळक मुद्देएलओसी से सटे राजौरी व पुंछ जिले बने जंग के मैदानसेना के लिए गले की फांस बने दोनों जिलेराजौरी व पुंछ जिले में आतंकियों को मिल रहा है स्थानीय समर्थन

जम्मू: पिछले 30 महीनों से एलओसी से सटे राजौरी व पुंछ जिले जंग के मैदान में बदल चुके हैं। यह जंग 26 सैनिकों और 9 नागरिकों की जान ले चुकी है। सेना के लिए गले की फांस बने दोनों जिलों में चिंता इस बात की है कि उसकी तमाम कोशिशों के बावजूद स्थानीय नागरिक आतंकवाद की ओर मुड़ने लगे हैं। इन दोनों जिलों में फैली इस जंग के प्रति यही कहा जा रहा है कि मुकाबला अदृश्य दुश्मन से है। यह दुश्मन स्थानीय ओजीडब्ल्यू तो हैं ही, एलओसी के पास होने से उस पार से आने वाले विदेशी नागरिक भी हैं जिन पर भी नकेल नहीं कसी जा सकी है।

आतंकी हमलों और नरसंहार की घटनाओं में शामिल सभी आतंकी फिलहाल गिरफ्त से बाहर हैं। इन दोनों जिलों में आतंकियों द्वारा सेना को लगातार निशाना बनाए जाने से सेना की परेशानी सैनिकों के मनोबल को बनाए रखने की हो गई है। अक्तूबर 2021 के दो हमलों की ही तरह, जिसमें 9 सैनिक मारे गए थे इस बार 17 दिनों के भीतर फिर से 10 सैनिकों को मारने वाले आतंकी स्नाइपर राइफलों और अति आधुनिक हथियारों से लैस होने के साथ ही क्षेत्र से भली भांति परिचित होने वाले बताए जा रहे हैं।

एक अधिकारी के अनुसार, स्थानीय समर्थन के कारण ही वे पुंछ के भाटा धुरियां इलाके से राजौरी के कंडी क्षेत्र तक के 50 से 60 किमी के सफर को पूरा कर रहे हैं।पिछले 17 दिनों में आतंकियों के हाथों 10 जवानों की मौतें राजौरी व पुंछ के एलओसी से सटे इन जुड़वा जिलों में कोई पहली आतंकी घटना नहीं थी बल्कि पांच अगस्त 2019 को धारा 370 हटाए जाने के बाद आतंकियों ने कश्मीर से इन जुड़वा जिलों की ओर रूख करते हुए पहले सुरनकोट के चमरेर इलाके में 11 अक्तूबर 2020 को पांच सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। इस हमले के पांच दिनों के बाद इसी आतंकी गुट ने पुंछ के भट्टा दुराईं इलाके में सैनिकों पर एक और घात लगा कर हमला किया तो 4 सैनिकों की जान चली गई। दोनों हमलों में शहीद होने वालों में दो सैनिक अधिकारी भी शामिल थे।

करीब 10 महीनों की शांति के उपरांत आतंकियों ने फिर से राजौरी के दरहाल में सैनिकों पर हमला बोला तो पांच जवानों ने अपनी जान गंवा दी। हालांकि सेना अभी तक इन हमलों में शामिल आतंकियों को न ही पकड़ पाई है और न मार गिराया जा सका है। कहा तो यह भी जा रहा है कि यह एक ही गुट का काम था। जिसने फिर से इस साल के पहले महीने की पहली तारीख को ढांगरी में 9 हिन्दुओं को मौत के घाट उतार दिया था।

30 महीनों से जंग के मैदान में बदल चुके दोनों जिलों के हालात के प्रति यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि यह अब सेना के गले की फांस बनने लगे हैं। दरअसल आतंकी 16 अक्तूबर 2021 को भट्टा दुर्राइं में जिस तरह से एक महीने तक सैनिकों को छकाते रहे हैं ठीक उसी रणनीति को अपनाते हुए वे फिर से 19 दिनों से सैनिकों के संयम की परीक्षा ले रहे हैं।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरआतंकी हमलाभारतीय सेनाएनकाउंटर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतदिल्ली लाल किला कार विस्फोटः जम्मू-कश्मीर और लखनऊ में कुल 8 जगहों पर NIA छापेमारी, ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल पर नजर, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में एक्शन

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित