चुनाव के मौसम में नेताओं को ऐसे सच का सामना करना पड़ता है, जो उनके दावों की सारी पोल खोल देता है. ऐसा ही कुछ केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी हुआ.
बुधवार को राजनाथ सिंहबिहार के पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में धमदहा के एक स्कूल में जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
लोगों की भीड़ से उत्साहित राजनाथ ने सभा से पूछ लिया कि आप सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत दो-दो हजार रुपए की पहली किश्त मिल गई है न. लेकिन एकसाथ नहीं में जवाब आने पर राजनाथ की खासी किरकिरी हो गई.
हालांकि राजनाथ ने खुद को संभाला और दोबार पूछा, ‘‘आप लोगों में से किसको-किसको दो-दो हजार की पहली किस्त मिल गई है?
जिन लोगों को मिली है वो अपना हाथ उठा दीजिए.’’ लेकिन जब किसी ने हाथ नहीं उठाया तो फिर उन्होंने कहा, ‘‘हाथ उठाएं...हाथ उठाइए जिनको मिला है, वह एक बार हाथ उठा दीजिए.’’ लेकिन फिर इस बार कोई प्रतिक्रि या नहीं मिलने से राजनाथ बुरे फंस गए.
भरी सभा में जनता की प्रतिक्रिया से तमतमाए राजनाथ ने मंच पर बैठे भाजपा और जदयू नेताओं का रुख किया और कहा, ‘‘यहां किसी को नहीं मिला लगता है. यहां से लिस्ट नहीं गई है.’’
मंच पर नीतीश सरकार के मंत्री समेत कई अन्य विधायक भी मौजूद थे. इसके बाद राजनाथ ने दोबारा जनता का रुख किया और कहा, ‘‘चिंता मत कीजिए न केवल दो हेक्टेयर वाले, बल्कि उससे ऊपर और नीचे के सभी किसानों को अब हर साल 6000 रु पए देने की योजना पर अमल किया जा रहा है.’’
निश्चित रूप से इस घटना ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों की याद दिला दी, जब वो लोगों से पूछते थे बिजली आई? तब बिहार के समस्तीपुर में कुछ लोगों ने भीड़ से बोल दिया था की यहां पर पहले से ही बिजली आई हुई है.