पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत की कल आई खबरों के बाद पहली बार सरकार की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना को बेहद पीड़ादायक और दुख देने वाला बताया। साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि देश सैनिकों की बहादुरी और त्याग को कभी भी नहीं भूलेगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार राजनाथ सिंह ने कहा, 'गलवान में सैनिकों की जान जाना बेहद पीड़ादायक और दुख देने वाली घटना है। हमारे सैनिकों ने ड्यूटी पर बहुत बहादुरी दुखाई और भारतीय सेना के उच्च परंपरा के तहत अपना जीवन बलिदान कर दिया।'
राजनाथ सिंह ने साथ ही कहा, 'राष्ट्र इन सैनिकों की बहादुरी और त्याग को कभी नहीं भूलेगा। मेरी संवेदना शहीदों के परिवार के साथ है। देश उनकी इस मुश्किल घड़ी में कंधा से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़ा है। भारत को अपने इन बहादूर सपूतों पर गर्व है।'
भारतीय सेना के 20 जवान शहीद
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए । पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
सेना ने शुरू में मंगलवार को कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए । लेकिन, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक 'जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है। इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।'
झड़प की घटना के बाद बैठकों का दौर
चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद कल राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाध्यक्षों सहित चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ बैठक की। आज भी राजनाथ सिंह ने बैठक कर हालात का जायजा लिया। इससे पूर्व मंगलवार रात भी सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक हुई।
रात करीब 10 बजे दिल्ली में हुई अहम बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख एमएम नरवणे मौजूद थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत फिलहाल मामलों को बातचीत से सुलझाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि हालात अगर नहीं सुधरते हैं तो भारत दूसरे तौर-तरीके अपना सकता है।