नई दिल्ली: दिल्ली में फिक्की के 95वें वार्षिक सम्मेलन और एजीएम में केंद्रीय मंत्री रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम दुनिया के कल्याण के लिए काम करने के लिए एक महाशक्ति बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि गलवान हो या तवांग, हमारे रक्षा बलों ने अपने शौर्य और शौर्य का लोहा मनवाया है। उन्होंने कहा कि हमने विपक्ष में नेताओं की मंशा पर कभी सवाल नहीं उठाया, हमने सिर्फ नीतियों के आधार पर बहस की है. राजनीति सच बोलने से होती है।
उन्होंने कहा, "पीएम ने लाल किले से अपने संबोधन के दौरान देश को पांच प्रतिज्ञाओं के बारे में बताया जो भारत को सुपर पावर बनाने के लिए आवश्यक हैं और यह नहीं माना जाना चाहिए कि हम किसी देश पर हावी होना चाहते हैं या हमारा किसी अन्य देश की एक इंच जमीन पर भी कब्जा करने का इरादा है। प्रधानमंत्री ने पंच प्रण यानि पांच संकल्पों की बात की थी जिनमें पहला-विकसित भारत का निर्माण, दूसरा-गुलामी की हर सोच से मुक्ति, तीसरा-विरासत पर गर्व, चौथा-एकता और एकजुटता व पांचवा-नागरिकों द्वारा कर्तव्य पालन, यह 5 बातें शामिल है।
केंद्रीय मंत्री रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "इनमें से सबसे पहले संकल्प को पूरा किए बिना भारत विश्व की महा शक्ति नहीं बन सकता। 1949 में चीन की जीडीपी भारत से कम थी। 1980 तक भारत शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में भी नहीं था...2014 में भारत विश्व अर्थव्यवस्थाओं में 9वें स्थान पर था। आज भारत 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के करीब है और दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।"