जयपुर, 10 अगस्त (भाष) राजस्थान सरकार ने राज्य में कोरोना महामारी के कारण वित्तीय संकट से जूझ रहे रेहड़ी-पटरी वालों, सेवा क्षेत्र में काम करने वाले 18 से 40 वर्ष आयुवर्ग के युवाओं और शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों को 50,000 रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण देने की योजना शुरू की है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई बजट घोषणा की अनुपालना में वित्त विभाग ने पिछले सप्ताह ‘‘इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना 2021’’ के संबंध में एक परिपत्र जारी किया है।
सात अगस्त को जारी परिपत्र के अनुसार इस योजना का उद्देश्य रेहड़ी वालों, असंगठित क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले युवाओं जैसे हेयर ड्रेसर, रिक्शावाला, कुम्हार, खाती, मोची, मिस्त्री, दर्जी, धोबी, रंग-रोगन करने वालों, नल बिजली की मरम्मत करने वालों एवं बेरोजगार युवाओं को आर्थिक रूप से संबल प्रदान कर पुर्नस्थापित करना है।
इन सभी लोगों को 50 हजार रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण एक साल के लिये बिना किसी गारंटी के मिलेगा। इस योजना के तहत लाभार्थी केड्रिट कार्ड /एटीएम/ डेबिट कार्ड से 50 हजार रूपये तक की राशि आवश्यकतानुसार 31 मार्च 2022 तक एक/ अधिक किश्तो में प्राप्त कर सकेंगे। ऋण राशि का पुनर्भुगतान चौथे से पंद्रहवें माह 12 समान किश्तों में किया जायेगा।
राजस्थान के पांच लाख लाभार्थियों को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर ऋण सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी। ऐसे आवेदक जिनकी मासिक आय 15 हजार रूपये या अधिक है और जिनकी पारिवारिक कुल मासिक आय 50 हजार रूपये या अधिक है, वो इस योजना के लाभ हेतु पात्र नहीं होंगे।
योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान जिला स्तर पर स्थानीय शहरी संकाय द्वारा वेंडर्स को जारी प्रमाणपत्र के आधार पर की जायेगी।
इस योजना के तहत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक और गैर बैंकिग वित्त कंपनियां ऋण देने वाली प्रमुख संस्थाएं होंगी।
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