राजस्थान की गहलोत सरकार ने बिजली की दरों में 10 से 11 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए विद्युत उपभोक्ताओं को जोरदार झटका दिया है। जिससे आमजन की जेब पर भार बढ़ने से बिजली का बिल आने से पहले ही करंट लगने लगा है।
बढ़ी हुई दरें 1 फरवरी से प्रभावी हो गई हैं। विद्युत विनियामक आयोग के अनुसार बीपीएल, आस्था कार्डधारकों और औद्योगिक उपभोक्ताओं को नई दरों से छूट दी गई है।
विद्युत विनियामक आयोग के अनुसार प्रदेश के 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं पर बिजली की बढ़ी हुई दरों को कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
किसानों को दी जाने वाली कृषि बिजली की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है, लेकिन इसका बढ़ा हुआ भार सरकार वहन करेंगी।
इस बढ़ोतरी से प्रदेश के एक करोड 40 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे और डिस्काॅम को हर माह लगभग 400 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। अब तक साल 2000 में बिजली कंपनियों की स्थापना से आज तक यह 8वीं बार बिजली की दरों में वृद्धि की गई है।